ब्रह्मांड सम्पूर्ण चराचर जगत सहित अनन्त वरिमा को कहा जाता है जिसमें सभी ग्रह, नक्षत्र, तारे आदि शामिल हैं।
हमारा सौरमंडल इसी ब्रह्मांड का एक अंश मात्र है।
ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई इसपर विद्वानों में मतभेद है। सनातन धर्म, जिसे हिंदू धर्म भी कहा जाता है, में कम से कम एक विचारधारा सांख्य योग में इसे अनादि और अनंत माना गया है जिसका उद्भव और विकास क्रमिक रुप से होता आ रहा है। इसके अनुसार कभी वैस समय नहीं था जब इसकी सृष्टि की गयी और कभी ऐसा नहीं होगा जब इसका विनाश हो जायेगा। इस सिद्धांत के अनुसार सबकुछ रुपांतरित होता रहा है।
हमारा सौरमंडल इसी ब्रह्मांड का एक अंश मात्र है।
ब्रह्मांड की उत्पत्ति कैसे हुई इसपर विद्वानों में मतभेद है। सनातन धर्म, जिसे हिंदू धर्म भी कहा जाता है, में कम से कम एक विचारधारा सांख्य योग में इसे अनादि और अनंत माना गया है जिसका उद्भव और विकास क्रमिक रुप से होता आ रहा है। इसके अनुसार कभी वैस समय नहीं था जब इसकी सृष्टि की गयी और कभी ऐसा नहीं होगा जब इसका विनाश हो जायेगा। इस सिद्धांत के अनुसार सबकुछ रुपांतरित होता रहा है।