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अनहद

अनहद का अर्थ है जिसका कोई हद न हो। अर्थात् जिसकी कोई सीमा न हो। यही कारण है कि अनहद शब्द का प्रयोग ब्रह्म या ईश्वर के लिए एक विशेषण के रूप में अनेक स्थानों पर किया जाता है। अरबी शब्द हद से उत्पन्न यह शब्द ब्रह्म की असीमता का वाचक है।

अनहद शब्द का प्रयोग योगियों द्वार अनहद नाद या अनाहत नाद के स्थान पर भी किया जाता है।

ध्यान योग में ध्यान लगाने पर बाहर की ध्वनियां सुनाई नहीं देतीं बल्कि अन्दर की ध्वनियां सुनाई देती हैं जिसे 'अनहद गरजै' , 'अनहद ध्यान लगाइ' जैसी अभिव्यक्तियों में अभिव्यक्त किया गया है।

Page last modified on Monday December 9, 2013 18:11:17 GMT-0000