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आंचलिकता

किसी अंचल विशेष की भाषा, संस्कृति, रहन-सहन आदि को जब किसी साहित्य में पिरोया जाता है तो कहा जाता है कि उस साहित्य में आंचलिकता का पुट है। अर्थात् किसी अंचल विशेष की विशिष्टताओं के अनुकरण या प्रतिबिंबन को आंचलिकता कहा जाता है।

साहित्य में इसके लिए स्थानीय दृश्यों, प्रकृति, जलवायु, भाषा शैली, त्यौहार, लोकगीत, लोककथा आदि को स्थान दिया जाता है।


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