उपरूपक
नृत्य पर आधारित दृश्यकाव्य को उपरूपक कहा जाता है।आज सर्वमान्य उपरूपकों की संख्या 18 है।
उपरूपकों का उद्देश्य है भावभंगिमाओं के माध्यम से दर्शकों के समक्ष किसी भाव विशेष को प्रदर्शित करना।
आसपास के पृष्ठ
उपहास काव्य, उपाख्यान, उपादान लक्षणा, उपाय कौशल, उपालम्भ काव्य, उपासना