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उपालम्भ काव्य

उपालम्भ काव्य वह काव्य है जिसमें प्रेमी को भांति-भांति से उलाहना दिया जाता है। ये उलाहना वास्तव में प्रेमी की निन्दा नहीं होती और न ही उसकी वास्तविक शिकायत। बल्कि गहरी आत्मीयता और प्रेम के कारण यह आशा और विश्वास की उलाहना के रूप में अभिव्यक्ति मात्र है।

प्रेम-विरह के लोक गीतों में यह प्रचुर मात्रा में मिलता है। गोपियों और राधा द्वारा कृष्ण को उपालम्भ से भी कृष्णभक्ति साहित्य भरा पड़ा है।

निकटवर्ती पृष्ठ
उपासना, उपेन्द्रवज्रा, उर्दू, उर्दू साहित्य, उलटा बाण

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