ऊर्णचक्र
ऊर्णचक्र तांत्रित साधना के नाम पर किया जाने वाला एक कामोपभोग परक प्रक्रिया है जिसे कभी मक्तकामी व्यक्तियों ने चलाया था। इसे वास्तव में कोई आध्यात्मिक मान्यता नहीं है।इसमें साधक-साधिकाओं के अनेक जोड़े एक स्थान पर एकत्रित होते हैं तथा एक-एक जोड़े किसी वस्त्र में लिपटकर रसभोग करते हैं और उसे साधना का नाम देते हैं। ऊर्णु का अर्थ होता है आवरण तथा इसी के नाम पर इसे ऊर्णुचक्र और बाद में ऊर्णचक्र कहा गया।