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ओज

व्यक्ति के तेज या दीप्ति को ओज कहते हैं। यह मुखा की आभा है। परन्तु साहित्य में ओज वह गुण है जो पढ़ने या सुनने वाले में उत्साह, वीरता या आवेश भर दे।

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ओडिशा, औघड़, औत्सुक्य, औदार्य अलंकार, कंकालदंड

Page last modified on Monday May 26, 2025 02:00:04 GMT-0000