कल्पना
कल्पना मन की वह शक्ति या क्रिया है जिससे किसी अपूर्व की अनुभूति उत्पन्न होती है। इसके लिए पूर्व अनुभूतियों का केवल सहारा लिया जाता है। कल्पना किसी अनागत का ही अवगाहन करती है। अनेक अननुभूत वस्तुओं या अवस्थाओं आदि इसी कल्पना शक्ति से ही अनुभव गम्य हो पाते हैं।कल्पना कई स्तरों पर कार्य करती है। प्रारम्भिक स्तर पर यह अनुकरण तक ही सीमित रहती है परन्तु उच्च स्तर तक जाते जाते यह सृजनात्मक हो जाती है।