काग
काग का सामान्य अर्थ होता है कौआ। परन्तु सिद्धों की परम्परा में काग भयभीत अज्ञानी का प्रतीक कहा गया है। भयभीत होते हुए अवधूती की तुलना काग से की गयी है।
आशय यह है की अवधूती या साधना में काग की तरह भयभीत नहीं रहना चाहिए।
कबीरदास ने भी इस अर्थ में काग का प्रयोग किया है।