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काल्पनिक सत्य

कला और साहित्य में काल्पनिक सत्य वह सत्य है जिसके द्वारा कलात्मक गहराई का अनुभव किया जाता है। इसकी अनुभूति कला के तीसरे आयाम के रूप में होती है जो दर्शक या पाठक की क्षमताओं पर निर्भर करती है, क्योंकि साहित्यकार, कवि या कलाकार अपने काल्पनिक सत्य को केवल दो आयामों में ही बांध पाता है।

कॉडवेल ने अपनी रचना इल्यूजन एंड रिएलिटी में कहा कि काल्पनिक सत्य मूल सत्य न होते हुए भी सत्य है क्योंकि वह असंगत और असत्य होते हुए भी भौतिक यथार्थ से किन्हीं रूपों में सम्बद्ध होता है।

यह कलात्मक सत्य भौतिक सत्य को प्रभावित करता है और उसमें विशिष्ट चेतना का प्रवाह करता है।

निकटवर्ती पृष्ठ
काव्य, काव्य उपरूपक, काशी विश्‍वनाथ, काशी विश्‍वनाथ मंदिर, वाराणसी, किंगरी

Page last modified on Monday May 26, 2025 02:47:01 GMT-0000