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किंगरी

किंगरी उस छोटी चिकारी या सारंगी को कहते हैं जिन्हें योगी अपने साथ रखते हैं। कुछ लोग इसे किन्नरी भी कहते हैं जो एक प्रकार की वीणा कही जा सकती है।

ऐसी सारंगी को सबसे पहले गौपीचन्द ने चलाया इसलिए इसे गोपीयन्त्र के नाम से भी जाना जाता है।

ये योगी किंगरी बजाते हुए भर्तृहरि के गीत गाते हैं तथा भिक्षाटन करते हैं।

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किंवदन्ती, कीर्तन, कुंडल छन्द, कुंडलपुर, कुंडलिया

Page last modified on Monday May 26, 2025 02:49:09 GMT-0000