चंद्रवर्त्म चंद्रवर्त्म या वितान वर्णिक छन्दों में समवृत्त का एक भेद है। यह वृत्त रगण, नगण, भगण, तथा सगण के योग से बनता है। तुलसीदास की चौपाइयों में इसके उदाहरण मिलते हैं। केशव ने इस छन्द का विशेष प्रयोग किया है।