चिन्तन प्रधान आलोचना
चिन्तन प्रधान आलोचना वह आलोचना प्रणाली है जिसमें चिंतन को प्रमुखता देते हुए कृतियों का मूल्यांकन किया जाता है।इसमें रचनाकार के काल, उसके जीवन, परिवेश, परिस्थितियों, आदि का कृति पर प्रभाव देखा जाता है तथा यह भी बताने का प्रयास किया जाता है कि समस्त कृतियों के बीच अलोच्य कृति का क्या स्थान है। इसमें सिद्धान्त, मनोविज्ञान, भाषा शैली आदि को भी शामिल किया जाता है।
कुल मिलाकर इस आलोचना प्रणाली का आधार बौद्धिक विवेचन ही है।