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तत् वाद्य

तत् वाद्य वे हैं जिनमें तार लगे होते हैं तथा मिजराब या कोणों के आघात से जिनसे संगीत के स्वर उत्पन्न किये जाते हैं। उदाहरण के लिए सरोद, सितार, वीणा आदि वाद्य यंत्रों के लिया जा सकता है।

परन्तु कुछ वाद्य ऐसे भी होते हैं जिनसे स्वर उत्पन्न करने के लिए मिजराब के स्थान पर गज या कमानी का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए बेला, इसराज, सारंगी आदि को लिया जा सकता है। यही कारण है कि कुछ लोग इन्हें वितत् वाद्य कहते हैं। परन्तु वास्तव में ये भी तत् वाद्यों की श्रेणी में ही आते हैं।

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तंत्र, तत्व, तद्गुण, तनूर तट, तन्त्र में उल्लास

Page last modified on Monday May 26, 2025 14:08:45 GMT-0000