तोटक
तोटक एक छन्द है। यह वर्णिक छन्दों में समवृत्त का एक भेद है। इसे नन्दिनी नाम से भी जाना जाता है। इसमें चार सगण होते हैं। इसकी गति द्रुत होती है।उदाहरण – अबला कचभूषण भूरि छुधा। धनहीन दुखी ममता बहुधा।
सुख चाहहिं मूढ़ न धर्मरता। मति थोरि कठोर न कोमलता। – तुलसीदास (राम चरित मानस, उत्तरकांड, कलिवर्णन)