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त्रिपताका

त्रिपताका एक अभिनय है। रंगमंच पर जब कोई पात्र अन्य पात्रों की उपस्थिति में कुछ बात कहता है परन्तु उसका उद्देश्य दर्शकों को यह बताना होता है कि यह बाद अन्य किसी पात्र को नहीं सुनाना है तो वह उसकी ओर हाथ की सारी उंगलियां ऊर्ध्वोन्मुखी कर अनामिका को वक्राकार रखता है।

अभिनय करने वाले पात्र द्वारा अपने हाथ को ऐसी स्थिति में रखने को नाट्यशास्त्र में 'त्रिपताका कर' कहा जाता है।

Page last modified on Sunday February 26, 2017 06:45:36 GMT-0000