द्रुतविलम्बित
द्रुतविलम्बित एक छन्द है। इसे सुन्दरी तथा हरिणीप्लुता के नाम से भी जाना जाता है। यह वर्णिक छन्दों में समवृत्त का एक भेद है। यह वृत्त नगण, दो भगण, और रगण के योग से बनाता है।एक उदाहरण देखें –
गिरि हिमालय के उपकूल में।
कपिल वस्तु पुरी अति रम्य थी।
वह प्रसिद्धिमयी धन अन्नदा।
सुभग शासन भूषित भूमि थी।