द्विविधा द्विविधा का सामान्य अर्थ है परिणाम के प्रति जिज्ञासा का बना रहना। कहानीकार अपने पाठकों में तथा नाटककार अपने दर्शकों में द्विविधा उत्पन्न करने एवं उसे बनाये रखने के लिए जिस विशेष शैली का उपयोग करते हैं उस शैली को भी द्विविधा कहा जाता है।