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दोही और दोहरा

दोही और दोहरा साहित्य में छन्दों के प्रकार हैं, परन्तु ये अपने आप में स्वतंत्र छन्द नहीं माने जाते, क्योंकि दोहे के विषम पादों में जब दो-दो मात्राएं बढ़ा दी जाती हैं तो उन्हें दोही कहा जाता है, और जब एक-एक घटा दी जाती है तो उन्हें दोहरा कहा जाता है।

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द्रव्य, द्रुतविलम्बित, द्वंद्वात्मक नियति, द्वंद्वात्मक भौतिकवाद, द्विविधा, द्वैतवाद


Page last modified on Tuesday June 27, 2023 16:34:09 GMT-0000