दोही और दोहरा
दोही और दोहरा साहित्य में छन्दों के प्रकार हैं, परन्तु ये अपने आप में स्वतंत्र छन्द नहीं माने जाते, क्योंकि दोहे के विषम पादों में जब दो-दो मात्राएं बढ़ा दी जाती हैं तो उन्हें दोही कहा जाता है, और जब एक-एक घटा दी जाती है तो उन्हें दोहरा कहा जाता है।आसपास के पृष्ठ
द्रव्य, द्रुतविलम्बित, द्वंद्वात्मक नियति, द्वंद्वात्मक भौतिकवाद, द्विविधा, द्वैतवाद