Loading...
 
Skip to main content

धीरा

धीर नायिकाओं को धीरा कहा जाता है। ये वैसी नायिकाएं हैं जो अन्य स्त्रियों से संसर्ग रखने वाले अपने भटके हुए पतियों के प्रति गुप्त रुप से कोप करती हैं तथा व्यंग्योक्तियों से अपना कोप प्रकट करती हैं।

ऐसी नायिकाएं दो प्रकार की होती हैं - मध्या धीरा तथा प्रौढ़ा धीरा।

मध्या धीरा नायिकाएं अपने मनोभावों को व्यक्त करने समय अपने भटके हुए पति का मान भी रखती हैं तथा व्यंग्योक्ति के माध्यम से चुटकी भी लेती हैं। मतिराम ने ऐसी ही एक नायिका के वचनों को इस प्रकार प्रस्तुत किया -
तुम कहा करो मान काम तें अटकि रे, तुमको न दोस सो तो आपनोई भाग है।

प्रौढ़ा धीरा नायिकाएं रति से उदास रहती हैं पर उनके अन्दर कोप रहता है जिसे वे कभी-कभी व्यंग्योक्तियों से अप्रत्यक्ष रूप से (प्रकारान्तर से) व्यक्त भी करती हैं, परन्तु हर हार में अपने पतियों को जलील नहीं करतीं।

Page last modified on Thursday April 6, 2017 07:07:43 GMT-0000