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नवजागरण

नवजागरण यूरोप के मध्ययुग तथा आधुनिक युग के बीच की संक्रांति काल की अवस्था को माना जाता है। सन् 1350 से 1550 तक के दो सौ वर्षों के काल को नवजागरण काल कहा जाता है।

इस युग में नये वैज्ञानिक अन्वेषण एवं आविस्कार हुए। कला और विज्ञान के क्षेत्र में नये युग का सूत्रपात हुआ। राजनीति, दर्शन, तथा समाजव्यवस्था में मौलिक क्रान्ति शुरु हुई। धर्म और दर्शन में नये विचार आये। पश्चिमी यूरोप में एक नयी चेतना आयी विशेषकर इटली, नीदरलैंड, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी तथा इंगलैंड में। इस प्रकार यूरोप का पुनर्जन्म हुआ, जिसके कारण इसे नवजागरण कहा जाता है।

इस युग में रोमन तथा यूनानी कालजयी रचनाओं तथा कृतियों का महत्व फिर से स्वीकार तथा अंगीकृत किया जाने लगा। नयी सामाजिक तथा राजनीतिक व्यवस्थाओं की स्थापना हुई। विज्ञान का उदय हुआ।

मुद्रण कला के आविष्कार के कारण पुस्तकों तथा पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन बड़े पैमाने पर हुआ। इसके कारण शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ। महाद्वीपों की खोज हुई। भौतिक समृद्धि का तेजी से विकास हुआ।

कुल मिलाकर जीवन के हर क्षेत्र में विकास हुआ तथा समाज मध्ययुगीन बंधनों से मुक्त हो गया। व्यक्ति की स्वतंत्रता अधिक महत्व की हो गयी तथा चर्चों, धर्मों, राजनीति आदि की पकड़ धीमी हो गयी। व्यक्ति परलोक की अपेक्षा इहलोक के चिंतन में अधिक प्रवृत्त हुआ।

इस युग ने व्यक्ति के जीवन और चिंतन के हर स्तर को प्रभावित किया। नयी सोच की स्थापना हुई।

Page last modified on Thursday April 13, 2017 04:37:04 GMT-0000