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निराशावाद

निराशावाद मनुष्य की एक मनोदशा है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति एक गहरे निराशा मे डूब जाता है। फिर उसके बाद यह व्यक्ति के व्यवहार और उसकी भाषा को प्रभावित करने लगता है। निराशा की उत्पत्ति तब होती है जब आदर्श के अनुरूप कुछ नहीं होता। यह साहित्य में अन्तहीन निराशा की आत्मपीड़ा में अभिव्यक्त होती है। भविष्य के प्रति आशा का अभाव रहता है। किसी भी चीज में निराशावादी की निष्ठा नहीं रह जाती।

Page last modified on Friday May 30, 2025 14:29:23 GMT-0000