Loading...
 
Skip to main content

निर्वाण

निर्वाण भारतीय दर्शन में मनुष्य की वह अवस्था है जिसमें वह इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर वासनामुक्त हो जाता है। श्रीमद्भगवद्गीता में योगी की इसी अवस्था को ब्रह्म-निर्वाण कहा गया है। नाथपंथ में आत्मानुभव को निर्वाण बताया गया। बौद्ध धर्म में जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति को निर्वाण कहा गया।

निकटवर्ती पृष्ठ
निर्वैयक्तिकतावाद, निष्काम भक्ति, नीति काव्य, नीर, नूतन

Page last modified on Wednesday June 11, 2025 15:39:32 GMT-0000