निर्वाण
निर्वाण भारतीय दर्शन में मनुष्य की वह अवस्था है जिसमें वह इन्द्रियों पर विजय प्राप्त कर वासनामुक्त हो जाता है। श्रीमद्भगवद्गीता में योगी की इसी अवस्था को ब्रह्म-निर्वाण कहा गया है। नाथपंथ में आत्मानुभव को निर्वाण बताया गया। बौद्ध धर्म में जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति को निर्वाण कहा गया।निकटवर्ती पृष्ठ
निर्वैयक्तिकतावाद, निष्काम भक्ति, नीति काव्य, नीर, नूतन