राग पूर्वी
राग पूर्वी भारतीय शास्त्रीय संगीत में एक राग है। यह पूर्वी थाट का राग है। इसकी जाति सम्पूर्ण-सम्पूर्ण है। इसका वादी स्वर है ग तथा सम्वादी स्वर है नि। इसका विकृत स्वर है रे ध कोमल और मध्यम दोनों प्रकार का। इसके गायन का समय है दिन का अन्तिम प्रहर।इसका आरोह है - स, रे, ग, मप, ध, निसं।
इसका अवरोह है - सं, नि ध, प, म ग, रे, स।
इसका स्वरूप है - नि, स रे ग, म ग, रे ग, रे स।