अपने ही राष्ट्र के हितों की बात करना और उसके अनुरुप आचरण करना राष्ट्रवाद कहलाता है। राष्ट्रवादियों के लिए राष्ट्र की सेवा करना तथा राष्ट्र के हितों की रक्षा करना ही परम कर्तव्य है।