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व्यायाम

शारीरिक श्रम के माध्यम से शरीर को स्वस्थ तथा सबल बनाये रखने की प्रक्रिया को व्यायाम कहते हैं। इसका उद्देष्य शरीर को स्वस्थ तथा सबल बनाना तथा उसे उस अवस्था में निरंतर रखना है।

व्यायाम से हमारे शरीर के अंग-प्रत्यंग सबल, सुगठित तथा सुन्दर होते हैं।

व्यायाम अनेक प्रकार के हैं। सामान्य पारम्परिक व्यायामों में कुश्ती व्यायाम, दण्ड व्यायाम, बैठक व्यायाम, लाठी व्यायाम, मुग्दर व्यायाम, दौड़ व्यायाम, अनेक प्रकार के खेल, तैरना, बागवानी, कृषि, आसन व्यायाम आदि अधिक लोकप्रिय हैं।

आसन व्यायाम में पादहस्तासन, पश्चिमोत्तानासन, उत्तानपादासन, सर्वांगासन, ऊर्ध्वसर्वांगासन, शीर्षासन, धनुषासन आदि अधिक प्रचलित हैं।

कुछ व्यायाम श्वास के लिए भी किये जाते हैं जिन्हें प्राणायाम कहा जाता है।

कई बार अनेक आसनों को मिलाकर व्यायाम की प्रक्रिया अपनायी जाती है। उदाहरण के लिए सूर्यनमस्कार को लिया जा सकता है।

आजकल अनेक आधुनिक व्यायामशालाएं भी खुल गयी हैं जिनमें अनेक नये प्रकार के व्यायाम करवाये जाते हैं।

व्यायाम के सामान्य नियम

व्यायाम खुले स्थान पर करना चाहिए जहां शुद्ध हवा उपलब्ध हो। व्यायाम करते समय सांस नाक से ही लेना चाहिए। व्यायाम शक्ति के अनुसार ही सम्यक रूप से करना चाहिए, तथा शरीर को अत्यधिक नहीं थकाना चाहिए। व्यायाम करने के लिए आयु का भी ध्यान रखना चाहिए। व्यायाम के अनुसार भोजन भी करना चाहिए। व्यायाम खाली पेट करना चाहिए। व्यायाम नियमित तथा निश्चित समय पर करना चाहिए। व्यायाम के साथ संयम भी रखना चाहिए। व्यायाम की मात्रा एकाएक नहीं बढ़ानी चाहिए बल्कि उसमें धीरे-धीरे वृद्धिकरनी चाहिए। व्यायाम प्रसन्नचित्त अवस्था में रहकर करना चाहिए।





Page last modified on Saturday April 5, 2014 06:16:31 GMT-0000