स्तुति
किसी के गुणों का वर्णन करने को स्तुति कहा जाता है। स्तुति करने वाले को पहले से ही उन गुणों के वास्तव में होने का अनुमान होता है तथा जो स्तुत्य है वही इसका लक्ष्य होता है।
स्तुति का उद्देश्य उन सभी गुणों की प्रशंसा है जिनको व्यक्ति समाज में प्रोत्साहित करना चाहता है।