उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा आयातकर्ता एजेंसियों से एकत्रित आंकड़ों के अनुसार 2.97 लाख टन दालें बंदरगाहों पर पहुंच चुकी हैं और 3.89 लाख टन दालें 05 नवम्बर, 2009 तक बेची जा चुकी हैं। इसमें पिछले वर्ष का शेष भंडार भी शामिल है।
सरकार ने दालों के बढत़े मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए अनेक प्रशासनिक और वित्तीय उपाय करने के दावे किए हैं। इसमें दालों के निर्यात पर प्रतिबंध (काबुली चना को छोड़कर) और दालों के आयात पर पूर्ण शुल्क मुक्ति शामिल है।
सार्वजनिक क्षेत्र के चार उद्यम- एमएमटीसी, पीईसी, एसटीसी और एनएएफईडी को 15 लाख टन दालों का आयात करने और अपनी प्रक्रियानुसार उन्हें घरेलू बाजार में बेचने के लिए अधिकृत किया गया है। यदि कुछ हानि होती है तो सरकार 15 प्रतिशत तक की प्रतिपूर्ति करेगी।
उड़द और तूर के भविष्य व्यापार पर प्रतिबंध को वर्ष 2009-10 के दौरान बढा़ दिया गया है। आयातित दालों का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिए राज्य सरकार 10 रुपए प्रति किलोग्राम की राजसहायता पर करेगी। इस योजना को 31 मार्च, 2010 तक बढा़ दिया गया है और चालू वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों द्वारा 8 राज्य सरकारों को अब तक 97,019 टन दालों की आपूर्ति की जा चुकी है।#
भारत
4.8 लाख टन दालों के आयात के लिए अनुबंध
विशेष संवाददाता - 2009-12-09 16:29
नई दिल्ली: भारत के घरेलू बाजार में दालों की उपलब्धता बढा़ने के लिए चालू वित्त वर्ष के दौरान विभिन्न प्रकार की 4.8 लाख टन दालों के आयात के लिए सरकार ने अनुबंध किया है।