उत्तर भारत में सांप्रदायिक द्वेष भड़काने के लिए गढ़े जा रहे हैं नए बहाने
ध्रुवीकरण की प्रकृति को उजागर करती हैं कानपुर और बरेली की ताज़ा घटनाएं
2025-10-06 11:18
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सांप्रदायिक हिंसा भारतीय राजनीति का अभिशाप रही है। यह एक सदी से भी ज़्यादा पुरानी है। इस घटना के ज़्यादातर विद्वानों के अनुसार, यह हिंसा आमतौर पर सुनियोजित होती है। इस हिंसा के बाद सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का उदय होता है। विद्वानों का यह भी मानना है कि "दंगे जातीय ध्रुवीकरण पैदा करते हैं जिससे कांग्रेस की कीमत पर जातीय-धार्मिक दलों को फ़ायदा होता है"। उनका मानना है कि जहां हिंदू-मुस्लिम दंगे कांग्रेस के लिए चुनावी तौर पर महंगे होते हैं, वहीं ये दंगे वास्तव में "कांग्रेस जैसी बहुजातीय पार्टियों की कीमत पर जातीय-धार्मिक दलों" को मज़बूत करते हैं। इस अवलोकन के अनुसार, हिंसा भड़काने और उसका चुनावी फ़ायदा उठाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा बहाने गढ़े जा रहे हैं।