भाजपा के अंदर की राजनैतिक गतिविधियां किस कदर तेज हुई हैं, इसका अनुमान इसीसे लगाया जा सकता है कि पार्टी के अंदर के दो गुट अब आमने सामने आ गए हैं। एक गुट का नेतृत्व पार्टी के राज्य सभा सांसद शांता कुमार के हाथ में है, तो दूसरे गुट का नेतृत्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल कर रहे हैं।

खबरें आ रही हैं कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता पार्टी के तीन विधायकों और एक पूर्व विधानसभा स्पीकर के साथ पार्टी के हाई कमान से दिल्ली मे ंजाकर मिले। उन्हेंोने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष खिमी राम के खिलाफ तो शिकायत तो की ही, मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल द्वारा सारी ताकत को अपने हाथ में केन्द्रित करने की शिकायत की। मुख्यमंत्री की कार्यशैली की भी आलोचना की गई।

वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष खिमी को उनके पद से हटाना चाहते हैं और उनकी जगह खुशी राम बलनाहटा को लाना चाहते हैं। गौरतलब है कि खिमी रात मुख्यमंत्री पी घूमल के कट्टर समर्थक हैं, जबकि खुशी राम २शांता राम के कैंप के हैं।

उनकी मुहिम को कमजोर करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष खिमी राम ने भी अपने समर्थकों के साथ दिल्ली की यात्रा की। वे भी केन्द्रीय नेताओ ंसे मिले। उन्होंने अपने विरोधी गुट के लोगों के खिलाफ आग उगली। अभी यह पता नहीं चल रहा है कि इस कलह का क्या नतीजा निकलेगा। पर अबतक के अनुभव के आधार पर कहा जा सकता है कि मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की दिल्ली में तूती बोलती है और उसके कारण खिमी राम के सफल होने की ज्यादा उम्मीद है।

आने वाले दिनों ेमें जब टिकटों के लिए मारामारी होगी, भाजपा के अंदर गुटीय लड़ाई और भी तेज होने की आशंका है।

सरकार के स्तर पर भी एक निर्णय हुआ है, जिसका संबंध आने वाले विधानसभा चुनाव से ही है। सरकार ने एक विधेयक विधानसभा से पारित करवाया है, जिसका विपक्ष ने भी समर्थन किया। उसके बाद एक कानून बना है जिसके तहत भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति को सरकार द्वारा जब्त किया जा सकता है। इस तरह का कानून पहले से ही दो राज्यों में है। सबसे पहले ऐसा कानून मध्यप्रदेश सरकार ने बनाया था। उसके बाद बिहार इस तरह का कानून बनाने वाला दूसरा राज्य बन गया। उसके बाद हिमाचल प्रदेश अब तीसरा राज्य बन गया है।

इस कानून के प्रावधानों के अनुसार किसी लोकसेवक के खिलाफ एफआईआर दायर होने के तुरंत बाद उसकी संपत्ति को अटैच कर लिया जाएगा और उसकी बिक्री नहीं की जा सकेगी। चार्जशीट दाखिल होते के साथ ही आय से ज्यादा संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। इस तरह के मुकदमे का निष्पादन एक साल में ही किया जाएगा, इसका भी कानूनी प्रावधान बना है। (संवाद)