टिकैत और अजित सिंह के बीच चल रही प्रतिद्वंद्विता और राज्य व केन्द्र सरकार के बीच चल रही राजनीति तो मामले को गर्म बना ही रही है, भारतीय किसान सभा भी किसानों की मांगों को लेकर मैदान में आ डटी है। गन्ना की राजनीति के साथ साथ किसान सभा ने 60 साल के ऊपर के किसानों के लिए 1000 रुपये प्रतिमाह पेंशन की मांग भी कह दी है।

कुछ दिन पहले ही संसद पर किसानों ने रैली निकाली थी। रैली का आयोजन राष्ट्रीय लोकदल के अजित सिंह ने किया था। रैली में भाजपा और वाम नेताओं को एक मंच पर खड़ा करने में अजित सिंह सफल हो गए थे। रैली को सफल कहा जा सकता है, क्योंकि केन्द्र सरकार ने प्रदर्शनकारियों की मांग को मानते हुए अपने चीनी अध्यादेश में बदलाव की घोषणा कर दी।

लेकिन केद्र सरकार द्वारा दिल्ली में विपक्ष की बात मान लेने से उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान शांत नहीं हुए हैं। केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार के गन्ना कीमतों के अधिकार को कम करने की मांग तो मान ली, लेकिन किसान की समस्या अभी अपनी जगह बनी हुई है। किसान 260 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ने के दाम मांग रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य 165 रुपये प्रति क्विंटल घोषित कर रखा है।

राज्य सरकार द्वारा घोषित गन्ने का मूल्य केन्द्र सरकार के मूल्य से बहुत ज्यादा है, लेकिन किसान उससे भी संतुष्ट नहीं हैं। दिल्ली में अजित सिंह ने तो 195 से 210 रुपये तक की दर पर अपनी सहमति दे दी थी, लेकिन टिकैत 280 से कम पर तैयार होने के लिए राजी नहीं हैं। वे उत्तर प्रदेश में इसके लिए आंदोलन कर रहे हैं। और उनके आंदोलन के दबाव में आकर अब अजित सिंह भी 280 से कम पर तैयार होने के लिए राजी नहीं दिखते।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े भारतीय किसान सभा भी इस आंदोलन से जुड़ गया है। किसान सभा राजधानी लखनऊ में किसानों की एक आमसभा आयोजित की, जिसमें हजारों किसान शामिल हुए। भारतीय किसान सभा के महासचिव अतुल कुमार अनजान ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि गन्ने की उत्पादन लागत ही 240 रुपये प्रति क्विंटल है। इसलिए किसानों को कम से कम 280 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना मिलना ही चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र और राज्य सरकारें चीनी मिलों के मालिकों के संगठन के प्रभाव में आकर गन्ना किसानो के हितो की अनदेखी कर रही है। उन्होंने गन्ने की कीमत के अलाा किसानो के पेंशन के मसले को भी उठाया। उन्होंने मांग की कि 60 साल से अधिक आयु के किसानों के लिए 1000 रुपये प्रति माह की पेंशन का प्रावधान किया जाय। (संवाद)