लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक ने अथव्यवस्था की की विकास दर के अनुमान को को भी कम कर दिया है। पहले उसे अनुमान था कि देश का सकल घेरलू उत्पाद चालू वित्ती वर्ष में 8 फीसदी की दर से विकास करेगा। अब उसे लगता है कि यह विकास दर 7 दशमलव 6 फीसदी ही रहेगी। उसका यह नया अनुमान दुनिया और देश की वर्तमान आथिक हालत को देखते हुए तय किया गया है। ब्याज दर बढ़ाने की अपनी नीति के कारण भी उसे लगता है कि विकास दर कुछ प्रभावित हो सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डाॅक्टर सुब्बा राव ने सेविंग्स बैंक डिपाजिट दर को भी नियंत्रण मुक्त कर दिया है। फिलहाल यह दर 4 फीसदी तक सीमित थी। अब सभी बैंक सेंविग्स बैंक खातों पर ब्याज दर तय करने के लिए स्वतंत्र कर दिए गए हैं। ऐसा करते समय उन्हें दो शर्तो को पूरा करना होगा। सभी बैंकों को एक लाख रुपए तक की सेंविग्स के लिए एक ही ब्याज दर रखनी होगी। एक लाख से ऊपर की बचत जमा पर वे अलग अलग दर तय कर सकते हैं।
मुद्रा नीति को कठोर करने के अपने फैसले को न्यायसंगत ठहराते हुए भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि न केवल मुद्रास्फीति का वर्तमान स्तर बहुत ज्यादा है, बल्कि मुद्रास्फीति की दर के और भी बढ़ने की आशंका बनी हुई है। रिजर्व बैंक महसूस करता है कि ये स्थितियां अगले दो महीने तक और बनी रह सकती हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के आकलन के अनुसार मुद्रास्फीति की दर में आने वाले समय में कुछ कमी आ सकती है। उसे लगता है कि दिसंबर के महीने से यह कमी शुरू होगी। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक यह भी महसूस करता है कि उसकी कठोर मुद्रा नीतियों के कारण विकास दर में भी कुछ कमी आ सकती है। विकास दर में कमी कुछ कारणों से भी आ सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर कहते हैं कि यदि मुद्रास्फीति की दर में कुछ कमी आती है तो विकास की दर को बढ़ाने के लिए कुछ और नीतिगत उपाय करने के लिए कुछ मोहलत मिल सकती है। वे कहते हैं कि दिसंबर महीने से मुद्रास्फीति की दर में कमी आनी शुरू होगी और यह घटकर आगामी मार्च महीने तक 7 फीसदी तक पहुंच जाएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक को यह भी लगता है कि आने वाले वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति की दर और घटेगी। वैसा वस्तुओं की बढ़ी उपलब्धता के कारण संभव हो सकेगा ओर उसके पीछे कठोर मुद्रा नीति भी एक कारण होगी। यदि मुद्रास्फीति में आशा के अनुसार कमी आती है, तो फिर भारतीय रिजर्व बैंक अपनी मुद्रानीति में बदलाव कर इसे फिर उच्च विकास दर की ओर मुखातिब कर सकेगा। (संवाद)
रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में एक और वृद्धि
विकास दर का अनुमान घटा
एस सेतुरमन - 2011-10-27 11:32
भरतीय रिजर्व बैंक ने उक बार फिर ब्याज दर बढ़ाने वाला निर्णय लिया है। उसने रेपो रेट में एक और वृद्धि करते हुए इसे 8 दशमलव 25 बेसिस बिंदु से बढ़ाकर 8 दशमलव 5 बेसिस बिंदु कर दिया है। उसने यह उम्मीद भी जताई है कि मुद्रा नीति को इतना कठोर कर दिए जाने के बाद मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आएगी और उसे आगे फिर कभी ब्याज दर में कटौती नहीं करनी पड़ेगी। उसे उम्मीद है कि थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर चालू वर्ष के अंत तक 7 फीसदी तक सीमित रहेगी।