पिछले 15 सालों से मुलायम सिंह अमर सिंह के ऊपर निर्भर हो गए थे। मुलायम सिंह के साथ साथ अमर सिंह कहीं भी देखे जा सकते थे। अमर पर निर्भरता के कारण समाजवादी पार्टी के समर्थक वर्गों का एक बड़ा हिस्सा उनसे नाराज हो गया था और उसके कारण 2007 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को नुकसान हुआ था।

लेकिन अब अमर सिंह समाजवादी पार्टी में नहीं रहे। उनसे खार खाए पार्टी के नेता और कार्यकत्र्ता एक बार फिर पार्टी के लिए सक्रिय हो गए हैं। अमर सिंह के प्रभाव से मुक्त मुलायम सिंह यादव की कार्यशैली भी बदल गई है।

अमर सिंह के प्रभाव से मुक्त होने के बाद मुलायम ने एक बड़ा फैसला अखिलेश यादव को रथयात्रा पर भेजने का किया। इसके तहत अखिलेश राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उनकी समाजवादी का्रंति रथ को राज्य में भारी सफलता मिल रही है।

रथयात्रा के बीच में रथ से उतर कर अखिलेश साइकिल पर सवार हो जाते हैं। साइकिल के द्वारा वे उन इलाकों में पहुंचते हैं, जहां उनका रथ नहीं घुस सकता। गौरतलब है कि साइकिल उनकी समाजवादी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी है।

साइकिल यात्रा ने पार्टी कार्यकत्र्ताओं को पार्टी नेतृत्व से जोड़ने का काम भी किया है। पार्टी कार्यकत्र्ता भी अखिलेश के साथ साइकिल जुलूस में शामिल हो जाते हैं। उन्हें देखकर विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवार अपने प्रचार में साइकिल का ज्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं।

मुलायम सिंह यादव में सबसे बड़ा बदलाव यह आया है कि वे अब कार्यकत्र्ताओं से मिलने लगे हैं। पहले उनसे कार्यकत्र्ताओं की शिकायत होती थी कि वे उनसे मिल भी नहीं पाते। अब यह शिकायत दूर हो रही है।

आजकल मुलायम सिंह यादव ज्यादातर समाजवादी पार्टी के लखनऊ मुख्यालय में होते हैं और पार्टी के नेताओं के साथ लगातार बैठकें करते हैं। वे उनकी समस्याएं सुनते हैं और उनके हल का रास्ता तलाशते हैं। बैठकों के बाद पार्टी नेताओं को संतुष्ट देखा जा रहा है। वे पार्टी कार्यालय में आने वाले अन्य कार्यकत्र्ताओं से भी मुलाकात करते हैं।

पिछले 10 सालों से समाजवादी पार्टी के कार्यकत्र्ताओं की शिकायत हुआ करती थी कि नेताजी उनसे मिला ही नहीं करते। पर अब नेताजी पार्टी मुख्यालय में ही होते हैं और वहां रोज पार्टी कार्यकत्र्ताओं का मेला लगा होता है।

एक समय था जब मुलायम सिंह सिर्फ अमर सिंह से ही सलाह मशवरा किया करते थे, पर अब वे मोहन सिंह, भगवती सिंह, रामगोपाल यादव और आजम खान से लगातार सलाह मशविरा करते दिखाई देते हैं।

समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा बहुत पहले से ही कर रखी है। इसका फायदा पार्टी को मिल रहा है। अभी अनेक पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी नहीं कर सकी हैं, पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अभी से चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।

ऐसे समय में जब मुख्यमंत्री मायावती ने अपने आपको लोगों के लिए अनुपलब्ध कर दिया है, मुलायम सिंह ने अपने आपको पार्टी कार्यकत्र्ताओं व अन्य लोगों के लिए सुलभ और उपलब्ध बना दिया है। इसका लाभ पार्टी को मिलता दिखाई पड़ रहा है। (संवाद)