एक स्थानीय अखबार एक अपने पहले पेज पर एक खबर प्रकाशित की कि कर्नाटक और गोवा के बाद अब खनन घोटाले को जागरूक नागरिकों ने मध्यप्रदेश में भी उजागर किया है। रिपोर्ट में राज्य सरकार के दो मंत्रियों की ओर शक की सूई दिखाई गई है। वे हैं लोक निर्माण मंत्री नगेन्द्र सिंह और खनिज संसाधन के राज्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल।

घोटाले का यह मामला एक वरिष्ठ वन अधिकारी जगदीश प्रसाद शर्मा की एक रिपोर्ट में है, जिसे उन्होंने अपने विजिट के बाद तैयार किया था। श्री शर्मा ने वह जांच अपनी पहचान को गुप्त रखकर ही की थी। उनकी रिपोर्ट में सतना जिले के नागोड और उन्छेरा जंगल के इलाकों भारी घोटाले की बात की गई है।

किसी गोरेलाल ताम्रकार ने उस इलाके में अवैध खनन की शिकायत की थी। वह शिकायत वरिष्ठतम वन अधिकारी रमेश दावे के पास आई थी। श्री दावे ने श्री शर्मा को उसकी जांच करने के लिए कहा था। जांच के दौरान श्री शर्मा ने इस बात का ख्याल रखा था कि उनकी पहचान संबंधित इलाके में सार्वजनिक नहीं हो।

श्री शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उन्होंने अपने दौर के दौरान जो देखा वह स्तब्ध कर देने वाला था। पत्थर और पत्थर के स्लैब को गैरकानूनी तरीके से निकाला जा रहा था। ट्राली और ट्रक उन पत्थरों को ढो रहे थे।

श्री शर्मा ने अपनी जांच के दौरान स्थानीय अघिकारियों को अपनी जांच के बारे मंे कुछ नहीं बताया। उन्हें अपना परिचय भी नहीं दिया। वे एक मोटरसाइकिल पर बैठकर इलाके का दौरा कर रहे थे और मोटर साइकिल को शिकायतकत्र्ता ही चला रहा था। वे दोनों उस इलाके में अपने आपको व्यापारी बताते रहे। वे दोनों खनन के जिस भी स्थान पर जाते, उन्हें देखकर मजदूर वहां से भाग जाते। उनके यह बताने पर कि वे व्यापारी हैं, वे फिर वापस अपने काम पर आते। उन्होंने देखा कि बिना नंबर वाले ट्रकों से पत्थरों को ढोया जा रहा है।

श्री शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय लोगों ने बताया कि लोक निर्माण मंत्री नगेन्द्र सिंह के भतीजे बाबा राजा पिछले कई सालों से उस इलाके में खनन का काम कर रहे हैं। श्री शर्मा ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि वह गैर कानूनी खनन बिना स्थानीय अधिकारियों की सहमति के नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि यदि जाच कराई जाय, तो पता चलेगा कि अरबों रूपयों का अवैध खनन अब तक हो चुका है।

जब वन मंत्री सरताज सिंह से अवैध खनन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें भी उस रिपोर्ट के बारे में पता चला है और उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कहा है कि वह रिपार्ट उन्हें उपलब्ध कराई जाय।

जिस दिन इस घोटाले की खबर अखबार में आई कांगेस ने सरकार के खिलाफ और भी आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। राज्य की वर्किग कमिटी की बैठक भोपाल में हुई। उस बैठक को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और प्रदेश के कांग्रेस प्रभारी महासचिव बी के हरिप्रसाद ने भी संबोधित किया।

दिग्विजय सिंह ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि कर्नाटक और उत्तराखंड के बाद अब मध्यप्रदेश में भी भाजपा को अपना मुख्यमंत्री बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की तरह मध्यप्रदेश में भी सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है। डंपर घोटाले में मुख्यमंत्री को क्लिन चिट देने के लिए उन्होंने लोकायुक्त की आलोचना की और उनकी विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर डाले।

दिग्विजय सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री से नजदीक एक ठेकेदार को सड़क निर्माण के सारे ठेके दिए जा रहे हैं। कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेसी कार्यकत्र्ताओं को कहा कि वे 2013 में होने वाले विधानसभा चुनाव की अभी से तैयारी शुरू कर दे। (संवाद)