एटा की उस सभा का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि उस दिन मुलायम सिंह के चुनाव अभियान के तेवर का पता चलेगा। बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ वे कैसा तेवर अपनाते हैं और अपने किस विरोधी को कितना तवज्जो देते हैं, इसका भी पता चलेगा।

राजनैतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि अपनी सभा में वे राहुल गांधी के उस हमले का जवाब देंगे, जेा उन्होंने 14 नवंबर को फूलपुर की अपनी सभा को संबोधित करते हुए अपने विरोधियों पर किया था।

उस सभा में पार्टी के नेता मोहम्मद आजम और राम गोपाल यादव भी उनके साथ होंगे। सपा के प्रवक्ता का कहना है कि श्री आजम के सपा में फिर से वापसी के बाद यह पहला मौका होगा, जब मुलायम सिंह और श्री आजम एक मंच से जनसभा को सबोधित करेंगे।

आधिकारिक प्रवक्ता के बताया कि सभा स्थल पर लगभग सभी तैयारियां कर ली गई हैं। सभा स्थल को पोस्टरों और बैनरों से पाट दिया गया है।

एटा और आसपास के विधानसभा क्षेत्रों के सपा उम्मीदवार सभा केा सफल बनाने के लिए कठिन मेहनत कर रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को उस सभा में उपस्थित करने के प्रयास में लगे हुए हैं। यह सभा एक तरह से समाजवादी पार्टी की ताकत का प्रदर्शन होगा।

इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के सामने समाजवादी पार्टी के कार्यकत्र्ताओं द्वारा किए गए प्रदर्शन का समर्थन किया। यह प्रदर्शन उस समय किया गया जब इलाहाबाद जिले के फूलपुर से राहुल गांधी द्वारा अपनी पार्टी का चुनाव अभियान शुरू किया जा रहा था।

जैसे ही राहुल गांधी इलाहाबाद आए, समाजवादी पार्टी के कार्यकत्र्ताओं ने उनका स्वागत काले झंडे दिखाकर किया। अखिलेश यादव ने कहा कि काला झंडा दिखाने वाले छात्र उनकी ही पार्टी के थे और वे कांग्रेस सरकार द्वार छात्र संगठनों पर लगाए जा रहे प्रतिबंध का विरोध कर रहे थे। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि विरोध करने का तरीका शायद गलत था।

कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए अखिलेश यादव ने कहा कि यदि उनकी सरकार उत्तर प्रदेश की सत्ता में आती है, तो सच्चर समिति की सिफारिशों को अमल में लाया जाएगा।

बसपा को मुस्लिम विरोधी बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने मुसलमानों के लिए 4 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था, जिसे बसपा सरकार ने समाप्त कर दिया। समाजवादी क्रांति रथयात्रा के दौरान महाराजगंज में अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती द्वारा ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन की भी निंदा की।

उस ब्राह्मण सम्मेलन को बोगस बताते हुए अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि बसपा राज में ब्राह्मणों पर भारी अत्याचार हुए हैं। सबसे ज्यादा ब्राह्मणों को ही माया सरकार द्वारा जेल भेजा गया है। ब्राह्मण मंत्रियों को सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश को 4 भाग्यों में विभाजित करने के मायावती सरकार के फैसले की चर्चा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य के विभाजन के खिलाफ नहीं है, लेकिन वह चाहती है कि विभाजन के पहले राज्य का सही तरीके से विकास हो। (संवाद)