बीजेपी नेता व पूर्व वित मंत्री यशवंत सिन्हा सरकार पर मंहगाई को काबू में न रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि वित मंत्री प्रणव मुखर्जी का दिया गया बयान का कुछ भी अर्थ नहीं निकलता है।जनता को मंहगाई का बोझ झेलना ही पड़ेगा। उन्होंने आशंका जाहिर करते हुए कहा कि मंहगाई अगर इसी तरह बढ़ती रही तो देश की जनता सड़क पर उतर सकती है, और हिंसा का रास्ता अख्तियार कर सकती है।उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का यह कहना गलता है कि देश में मंहगाई ग्लोब्नाइजेशन का असर है। उन्होंने कहा कि देश की 80 फीसदी इकोनोमी का इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि अंतराष्ट्ीय बाजार में क्या हो रहा है। उन्होंने कहा कि देश में अगर मंहगाई है तो इसके लिए सरकार की नीतियां जिम्मेवार है।

इसी दौरान एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि संसद में मंहगाई पर चर्चा से कोई फायदा भले न हो रहा है लेकिन इस चर्चा से सरकार पर मंहगाई कम करने का दबाब पड़ता है।बीजेपी के संसद में चिदंबरम का बहिष्कार से संबंधित प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अलोकतांत्रित नहीं है।चिदंबरम के टू जी स्पेक्ट्म मे शामिल होने के पुख्ता सबूत बीजेपी के पास है।जबकि बिना सबूत के ही एनडीए के मंत्री जार्ज फर्नांडिज का कांग्रेस ने 18 महीने तक विरोध किया था।उन्होंने कहा कि विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव की मांग जायज है क्योंकि इस 15वें लोकसभा में अभीतक इसकी मांग नहीं की गयी है।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मोदी से चिंदबरम की तुलना मैंगो से औरेंज की तुलना के समान है।