गौरतलब है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने 21 लोकसभा सीटों पर विजय हासिल की थी। उसके 9 सांसद राज्यसभा से भी हैं। पर इस बार मायावती चाहती हैं कि उनकी पार्टी देश भर में 60 से 80 लोकसभा सीटें जीते, ताकि वे चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बन सकें।

मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए अपना औपचारिक अभियान शुरू भी कर दिया है। इसके लिए उन्होंने 9 अक्टूबर को लखनऊ में एक बहुत बड़ी रैली का आयोजन किया। यह आयोजन बसपा के संस्थापक कांशीराम की 6ठी पुण्यतिथि के अवसर पर किया गया था।

मायावती ने उस रैली को संबोधित करते हुए अपने समर्थकों से कहा था कि वे बसपा के ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित कराएं, ताकि त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में वे किंगमेकर की भूमिका निभा सकें।

बसपा नेता ने अपने समर्थकों को कहा था कि वे समाज के सभी तबकों के संपर्क में आएं और इसके लिए भाईचारा समितियों का इस्तेमाल करें। पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दकी को कहा गया था कि वे मुस्लिम समुदाय से संपर्क बढ़ाएं। नसीमुद्दीन और मायावती कह रहे हैं कि अखिलेश यादव की सरकार के दौरान 7 महीने में ही अनेक हिंदु मुस्लिम दंगें हो चुके हैं, जबकि मायावती के शासनकाल के 5 साल में मात्र एक दंगा हुआ था।

रैली के दौरान अपने भाषण में मायावती ने कहा था कि वे कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत, सांप्रदायिक दंगे और व्यापक भ्रष्टाचार को अपना मुख्य चुनावी मुद्दा बनाएंगी।

एक रणनीति के रूप में मायावती ने भाईचारा समितियों को फिर से जिंदा करने की अपील अपने कार्यकत्र्ताओं से की है, ताकि सभी जातियों के लोगों को पार्टी के साथ जोड़ा जा सके।

पार्टी के नेताओं को कहा गया है कि वे विभिन्ना क्षेत्रों में पार्टी की सभाएं आयोजित करें और उनमें कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी के काले कारनामों को उजागर करें।

हालांकि पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय से लोकसभा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं हुई है, पर पार्टी के जोनल समन्वयक अपने अपने क्षेत्रों से पार्टी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर रहे हैं।

अभी हाल ही में इलाहाबाद जिला परिषद की चेयरपर्सन केसरी देवी, फूलपुर के सांसद कपिल मुनि करवारिया को लोकसभा उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया। इलाहाबाद, फूलपुर, प्रतापगढ़ और कौशांबी सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा उस समय की गई थी।

इसका घोषणा जोनल समन्वयक डाॅक्टर विजय प्रताप ने की थी। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद सुरेश पासी कौशांबी से और आर के वर्मा प्रतापगढ़ से पार्टी के उम्मीदवार होंगे।

विजय प्रताप ने पार्टी कार्यकत्र्ताओं का आहवान करते हुए कहा कि भाई चारा समितियों को ज्यादा से ज्यादा सक्रिय किया जाय। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में हो रही भारी वृद्धि, पेट्रोलियम पदार्थाें की कीमतों में बेतहाशा की जा रही बढ़ोतरी और प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति पार्टी को लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलवाएंगी।

हालांकि बहुजन समाज पार्टी वर्तमान यूपीए सरकार का बाहर से समर्थन कर रही है, लेकिन उसका कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव में वह सपा, भाजपा और कांग्रेस- तीनों पार्टियों के खिलाफ चुनाव लड़ेगी। केन्द्र की यूपीए सरकार को समर्थन देने का कारण बताते हुए वह कहती है कि ऐसा सांप्रदायिक शक्तियों को सत्ता में आने से रोकने के लिए किया जा रहा है।

बहुजन समाज पार्टी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारेगी। उसने तो अपने उम्मीदवार का नाम तक घोषित कर दिया है। रायबरेली से रामलखन पासी को सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उतारा जा रहा है। इसकी घोषणा प्रदेश बसपा के अध्यक्ष राम अचल राजभर और महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दकी ने की।

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी भी केन्द्र की यूपीए सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है और वह भी उत्तर प्रदेश मंे कांग्रेस के साथ समझौता करने नहीं जा रही है, पर उसने घोषणा कर रखी है कि वह रायबरेली से सोनिया गांधी के खिलाफ अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। (संवाद)