पिछले 16 जनवरी को युवाओं की एक सभा आयोजित की गई। इसका नाम युवा पंचायत रखा गया था। हजारों युवाओं ने इसमें हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री ने इसे संबोधित किया। इस सभा में हालांकि भीड़ बहुत बड़ी नहीं थी, लेकिन इसे विवेकानंद की 150वीं जयंती समारोह के रूप में आयोजित किया जाना काफी महत्वपूर्ण था। इसमें जितने युवाओं के भाग लेने की उम्मीद थी, उतने युवा तो नहीं आए, फिर भी भीड़ ठीक ठाक थी। यह आयोजन काफी लंबा खिंचा और मुख्यमंत्री ने युवाओं को अपनी पार्टी की ओर खींचने के लिए हर संभव कोशिश की।
उन्होंने ’’ मां तुझे सलाम’’ नाम की एक योजना की घोषणा जिसके तहत राज्य के युवाओं को देश की सीमा का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि उनमें देशभक्ति की भावना पैदा हो सके। उन्होंने इसके अलावा यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार अपना काम शुरू करने के लिए युवाओं द्वारा बैंको से लिए कर्ज के 25 लाख की गारंटी देगी। इसके अलावा छात्रों द्वारा बैंकों से लिए गए कर्ज की पूरी गारंटी राज्य सरकार ही लेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि 12वीं क्लास में 85 फीसदी से ज्यादा अंक लाने वाले छात्रों को सरकार मुफ्त में एक लैपटाॅप देगी। इसके अलावा विदेशों में जाकर शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों को सरकार 15 लाख रुपये तक की साियता करेगी। सीएम कंट्रैक्टर योजना के तहत राज्य के शिक्षण संस्थानों से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले युवकों को कंट्रैक्टर के रूप में राज्य सरकार पंजीकृत करवाएगी। उन्हें सरकारी ठेके दिए जाएंगे और उन्हें प्रशिक्षित करने की व्यवस्था भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पूरे प्रदेश में जल्द ही प्रतिदिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
युवा पंचायत भाजपा द्वारा अपनी शक्ति का किया गया प्रदर्शन है। इस पंचायत में भाजपा के युवा संगठन से जुड़े लोगांे को ही मंच से बोलने का मौका दिया गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने पार्टी कार्यों के लिए इस आयोजन पर सरकारी खर्च कराए।
मुख्यमंत्री युवाओं को तो लुभा ही रहे हैं, शहरी मतदाताओं का अपने पाले मे लाने के लिए भी वे प्रयत्नशील हैं। हाल ही में उन्होंने एक बहुत ही विवादित निर्णय करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी अवैघ कालोनियों को वैध कर दिया जाएगा। उन्होंने इंदौर में एक सभा को संबोधित करते हुए यह घोषणा की थी। गौरतलब है कि इंदौर मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा नगर है। यह राज्य की व्यवसायिक राजधानी कही जाती है। इसमें अवैध कालोनियों की भरमार है और बिल्डरों की एक बड़ी फौज यहां खड़ी है। प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों के लिए चुनावी फंड का एक बड़ा सा्रेत बिल्डरों की यह जमात ही है। यहां की राजनीति पर बिल्डरों का दबदबा है। प्रदेश के शक्तिशाली उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इन बिल्डरों के मुख्य संरक्षक माने जाते हैं। यदि यहां की अवैध कालोनियों को वैध बनाया गया, तो इन बिल्डरों की चांदी हो जाएगी। सच कहा जाय, तो इन अवैध कालोनियों के अस्तित्व के लिए मुख्य रूप से ये बिल्डर ही जिम्मेदार हैं।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि मुख्यमंत्री की यह घोषणा पार्टी के लिए फंड इकट्ठा करने के बहुत काम आएगा। हालांकि उनका यह भी मानना है कि अवैध कालोनियों को वैध बनाना एक बहुत ही मुश्किल काम होगा। अनेक कालोनियां हरित क्षेत्र पर बनी हुई है। वन विभाग की जमीन पर तो कुछ कालोनियां हैं ही उद्योग के लिए घोषित जमीन पर भी आवासीय कालोनियां बन गई हैं।
एक अनुमान के अनुसान अकेले इंदौर शहर में ही 419 अवैध कालोनियां हैं। उनमें से अधिकांश विधानसभा क्षेत्र ’’एक’’ में हैं, जहां के विधायक भाजपा के ही सुदर्शन गुप्ता हैं। करीब साढ़ 4 लाख लोग यहां की अवैध कालोनियों में रहते हैं। यह महज संयोग नहीं था कि मुख्यमंत्री ने अवैध कालोनियांे को वैध करने की घोषणा इसी विधानसभा क्षेत्र में आकर की। उस समय स्थानीय विधायक उनके बगल में ही बैठे हुए थे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अवैध झुग्गियां उस समय तक नहीं हटाई जाएंगी, जबतक कि उनमें रहने वालों के लिए वैकल्पिक आवास के इंतजाम नहीं कर दिए जाते। (संवाद)
मुख्यमंत्री चौहान ने युवाओं के लिए लुभावनी योजनाओं की घोषणा की
वोट पाने के लिए लोकप्रियतावादी निर्णयों की भरमार
एच एल हरदेनिया - 2013-01-24 13:05
भोपालः मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने युवा मतदाताओ को लुभाने की ठान ली है। विधानसभा के चुनाव आगामी नवंबर महीने में होने हैं। पिछला चुनाव 2008 में हुआ था। इस बीच 30 लाख नये मतदाता तैयार हो गए हैं। भाजपा की नजर उन्हीं मतदाताओं पर है। इसके साथ साथ शहरी मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें भी तेज हो गई हैं।