मुख्यमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ’’ अटल ज्योति अभियान’’ नाम की एक योजना चला रखी है। इस योजना के तहत घरेलू इस्तेमाल के लिए गांवों 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है और 8 घंटे प्रति दिन खेती के लिए बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री के अनुसार मई महीने के अंत तक राज्य के सभी 53 हजारों गांवों को इस योजना के दायरे में शामिल कर लिया जाएगा।

पहले ही राज्य के 12 जिलों मंे 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इस योजना की शुरूआत भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने प्रदेश के शहडोल जिले से की थी।

बिजली की आपूर्ति बढ़ाने के साथ खेती का विकास तो होगा ही, इसके कारण ग्रामीण इलाकों में लघु उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके कारण ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी की समस्या से भी निजात पाया जा सकेगा और गांवों से शहरों की ओर हो रहे आबादी पलायन पर भी रोक लग सकेगी। अटल ज्योति अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा था कि मध्यप्रदेश पूरे देश में ऐसा पहला और एकमात्र राज्य है, जो बिजली की कीमत बढ़ाने की जगह अगले साल इसे 5 फीसदी सस्ता करने जा रहा है।

प्रदेश के प्रधान ऊर्जा सचिव मोहम्मद सुलेमान के अनुसार राज्य की बिजली की मांग पूरी करने के लिए 6,17,220 लाख यूनिट बिजली चाहिए। इसका 90 फीसदी बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों से लंबी अवधि का समझौता करके हासिल किया जाएगा। 2014 तक प्रदेश की बिजली जरूरतों का 36 फीसदी प्रदेश के अपने स्रोतों से हासिल किया जाएगा। राज्य ने आपूर्ति के नेटवर्क में सुधार के भी अनेक कदम उठाए हैं।

बिजली का लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही राज्य सरकार गेहूं खरीद को भी बढावा दे रही है। बाजार की वर्तमान दर से ज्यादा दरों पर राज्य सरकार इसकी खरीद करवा रही है। प्रदेश सरकार किसानों को 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस के रूप में सरकार दे रही है। यह बोनस किसानों द्वारा बेचे जा रहे गेहूं के लिए दिए जा रहे हैं। 29 मार्च तक 4 लाख मेट्रिक टन से ज्यादा की गेहूं खरीद सरकार कर चुकी है।

नागरिक आपूर्ति मंत्री पारस जैन गेहूं खरीद की निजी स्तर पर मोनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि उनकी प्रदेश की गेहूं खरीद योजना इस मायने में देश भी की एक अनूठी योजना है कि इससे किसानों को अपने उत्पाद पर वाजिब रिटर्न मिल रहा है।

पिछले 15 दिनों में आए तूफान के कारण अनेक किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है। मुख्यमंत्री चैहान ने घोषणा की है कि किसानों को उस नुकसान का मुआवजा राज्य सरकार देगी। किसानों को 15 हजार प्रति हेक्टर के भाव से मुआवजा दिया जा रहा है और 50 फीसदी हुए नुकसान को सौ फीसदी नुकसान मानते हुए यह मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों के पुराने बिजली बिल भी माफ कर दिए गए हैं और उन्हें दिए गए मध्यवर्ती कर्ज को दीर्घावधि कर्ज में तब्दील कर दिया गया है। यह भी घोषणा की गई है कि जिन ग्रामीणों की पूरी फसल तबाह हो गई है, उन्हें 4 महीने तक बीपीएल की दर से राशन उपलब्ध कराया जाएगा। अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि दो सप्ताहों के अंदर मुआवजे का वितरण हो जाना चाहिए। मुख्यमंत्री चैहान खुद राज्य भर का दौरा कर रहे हैं और किसानों से मिलकर उन्हें हुए नुकसान का जायजा ले रहे हैं।

भाजपा के नेताओं को कहा गया है कि वे किसानों को सूचित करें कि बिजली का बिल जमा कराने की जरूरत नहीं है, भले ही उनके पास वैसा करने के लिए आधिकारिक नोटिस मिली हुई हो। उन्हें किसानों को यह भी बताने के लिए कहा गया है कि प्रदेश सरकार उनके खराब हुए गेहूं की भी खरीद करेगी।

मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से ग्रामीणों में खासा उत्साह है। सतना के एक गांव में जब मुख्यमंत्री चैहान फसलों को हुए नुकसान का जायजा ले रहे थे, तो किसानों ने बैरिकेड तोड़ डाला और मुख्यमंत्री के पास पहुंचकर उनके चेहरे पर खुशी से गुलाल मले। (संवाद)