एनटीपीसी 10 भारतीयों में से 9 के घरों को रोशनी प्रदान करता है। लिहाजा इसका नेतृत्व करने निश्चय ही एक बहुत बड़ी चुनौती भरा काम है। सबसे ज्यादा बिजली खपत वाले समय में 12 हजार से 15 हजार मेगावाट बिजली का अंतर मांग और आपूर्ति के बीच पाया जाता है। इसलिए एनटीपीसी पर अपनी क्षमता के विस्तार और अपनी दक्षता में वृद्धि के लिए लगातार दबाव बना रहता है। उसे एक साथ ही कोष उपलब्ध करने होते हैं, प्रतिभाशाली लोगों को अपने साथ जोड़ना होता है, इनपुट की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करनी होती है, प्रदूषण पर नियंत्रण करने वाले यंत्रों का जुगाड़ करना होता है और टरबाइन, ब्याॅलर, हाई टेंशन ट्रांसफर इत्यादि की उपलब्धता भी लगातार सुनिश्चित करनी पड़ती है।
इन चुनौतियों पर खरा उतरने का अरुप राय चैधरी का 12 साल का इतिहास रहा है। व्यापार उद्योग की दुनिया में ऐसी सख्सियत का पाया जाना बहुत ही दुर्लभ है। वे एक साथ ही आपरेशंस की आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना करते रहे हैं। कोयले की प्राप्ति, उसकी मात्रा और गुणवत्ता पर लगातार ध्यान रखना, नई परियोजनाओं के लिए भूमि प्राप्त करना और बढ़ रहे लागत मूल्यों का सामना करना कोई साधारण काम नहीं है। इन सबके कारण एनटीपीसी के सीएमडी अरुप राय चैधरी एक के बाद एक लगातार खत्म न होने वाली चुनौतियों का सामना करते रहते हैं। हर घड़ी उनके लिए परीक्षा की घड़ी होती है।
पिछले दो सालों से हमारे देश के कोर सेक्टर में विकास की दर बहुत ही धीमी है, लेकिन श्री राय चैधरी के नेतृत्व में एनटीपीसी ने इस प्रव्ति को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। 4 अगस्तए 2011 को एनटीपीसी के शेयरहोल्डरों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि आपकी कंपनी ने 2490 मेगावाट के प्रोजेक्ट को एक्जक्यूट कर अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी के इतिहास का क्षमता वृद्धि के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ वर्ष था। लेकिन उसके अगले साल कंपनी ने अपने उस रिकार्ड को भी धराशाई कर दिया। अगले साल यानी वित्तीय वर्ष 2011-12 में एनटीपीसी के अपनी क्षमता में 2820 मेगावाट की वृद्धि कर डाली। उसके साथ कंपनी की कुल उत्पादक क्षमता 39 हजार मेगावाट हो गई। अमेरिका स्थित प्लाट कंपनी ने उसे दुनिया का नंबर एक इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर करार दिया।
श्री राय चैधरी अपने आध्यात्मिक गुरू के उस उपदेश को कभी नहीं भूलते हैं, जिसमें उन्हें कहा गया था कि यदि इरादा अच्छा हो, तो अच्छे परिणाम की गारंटी सुनिश्चित समझो।
एनबीसी लिमिटेड के अध्यक्ष की हैसियत से भी उन्होंने जो कुछ किया था, वह काबिले गौर है। जब उन्होंने उस कंपनी का नेतृत्व संभाला था, तो वह कंपनी उस समय बीमार थी। उसके कर्मचारियों को तनख्वाह भी नहीं मिल पा रहे थे। उसका विकास निगेटिव था। श्री रायचैधरी ने न सिर्फ उस कंपनी की दशा सुधार दी, बल्कि उसे देश के सबसे बेहतर नतीजे देने वाली कंपनियों में शामिल करवा दिया। जब उन्होंने एनबीसीसी छोड़ा, तो उस समय तक उसका टर्नओवर 1000 फीसदी बढ़ चुका था। उसकी कंपनी की अपनी कीमत 500 गुणा ज्यादा हो गई थी। वह देश की 10 टाॅप पब्लिक सेक्टर कंपनियों में शामिल हो गई थी। जब एनटीपीसी के टाॅप पोस्ट के लिए उनकी नियुक्ति हुई, उस समय उनकी उम्र मात्र 44 साल ही थी। वे किसी भी केन्द्रीय पब्लिक सेक्टर की कंपनी के सीएमडी बनने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे।
श्री राय चैधरी का ही यह कमाल था कि आज एनबसीसी शिड्यूल ए कंपनी है और वह अपने शेयर धारको का डिविडेंड देती है और प्रोमोटर भारत सरकार को भी डिसइन्वेस्टमेंट के मेकैनिज्म से भारी धनराशि उपलब्ध करा चुकी है। उसे मिनी रत्न का खिताब भी मिला हुआ ळें (संवाद)
अरुप राय चौधरी ने कायम की है एक अनोखी मिसाल
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम के शीर्ष पर 12 साल
नन्तू बनर्जी - 2013-04-10 01:19
राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम यानी नेशनल थर्मल पावर कार्पोरेशन (एनटीपीसी) भारत का सबसे बड़ा बिजली उत्पादक है और और इस पर देश के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए बिजली पैदा करने की जिम्मेदारी है। इस महत्वपूर्ण निगम का लगातार 12 साल तक प्रमुख बना रहना कोई साधारण बात नहीं और यह श्रेय जाता है अरुप राय चैघरी को। एनटीपीसी के वे चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर (सीएमडी) हैं। 2001 में इससे जुड़ने के पहले वे पब्लिक सेक्टर के एक अन्य निगम नेशनल बिल्डिंग एंड कन्सट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) लिमिटेड का नेतृत्व कर रहे थे।