भारतीय जनता पार्टी में वापस लिए जाने के बाद उमा भारती से कहा गया था कि वे मध्यप्रदेश की राजनीति से अपने आपको दूर रखेंगी। मध्यप्रदेश से उन्हें दूर रखने के लिए पार्टी ने उन्हें उत्तर प्रदेश भेज दिया। वहां की मतदाता सूची में उमा भारती ने अपना नाम दाखिल कराया और वहां से विधानसभा का चुनाव भी लड़ीं। उस चुनाव में वह जीत भी गईं। आज वह उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्या हैं।
लेकिन मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने का संकेत देकर उन्होंने प्रदेश भाजपा की राजनीति में खलबली मचा दी है। इसका कारण यह है कि उनका प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने का मतलब है प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की परेशानी बढ़ना। पहले बाबू लाल गौर और बाद में श्री चैहान का विरोध करती हुई, वह पार्टी से बाहर चली गई थीं। 2003 में मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव भाजपा ने उमा भारती को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करके लड़ा था और उसके बाद वह प्रदेश की मुख्यमंत्री भी बनी थी, लेकिन कर्नाटक एक पुराने मुकदमे के कारण उन्हें मुख्यमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। तब उनसे पार्टी ने वायदा किया था कि उस मुकदमे से उबरने के बाद उन्हें दुबारा मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। वह मुकदमे से उबर भी गईं, पर पार्टी ने उन्हें दुबारा मुख्यमंत्री नहीं बनाया। इसे उमा भारती पचा नहीं सकी है। जाहिर है, मध्यप्रदेश की राजनीति में सक्रिय होने का मतलब है मुख्यमंत्री बनने की अपनी इच्छा को पूरा करने की कोशिश करना और इस कोशिश के कारण प्रदेश भाजपा की राजनीति पहले जैसी नहीं रह जाएगी।
उमा भारती के जन्मदिन के दिन न तो मुख्यमंत्री चैहान ने और न ही प्रदेश अध्यक्ष ने उन्हें बधाई दी। दिन शुरू होने के बाद सबसे पहले बधाई देने वाले प्रमुख नेता उनकी पार्टी के नहीं, बल्कि कांग्रेस के थे। वे और कोई नहीं, बल्कि खुद दिग्विजय सिंह थे। उमा भारती के अनुसार उन्हें खुद पता नहीं था कि भोपाल में उनकी जन्मतिथि मनाने का कोई कार्यक्रम है। इसके बारे में उन्हें जानकारी प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने दी थी।
उमा भारती के जन्म दिन समारोह में वे लोग ही दिखाई पड़े, जो उनके साथ भाजपा को छोड़कर चले गए थे। सुश्री भारती ने भाजपा को छोड़कर भारतीय जनशक्ति का गठन किया था। उनकी पार्टी ने चुनाव में भी हिस्सा लिया, पर वह सफल नहीं हुई। पार्टी के विफल हो जाने के बाद उन्हें उसे भंग करने की घोषणा कर दी और उसके बाद भाजपा में फिर से शामिल होने की कोशिश करने लगी। उनकी इस कोशिश का विरोध भी हो रहा था। अंत में पार्टी ने उन्हें इस शर्त पर वापस लिया कि वह मध्यप्रदेश की राजनीति से दूर रहेंगी।
कुछ समय पहले सुश्री भारती को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। वह अब कहती हैं कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की हैसियत से वह देश के किसी भी प्रांत की पार्टी गतिविधियों मंे हिस्सा ले सकती हैं और मध्यप्रदेश इसका अपवाद नहीं हो सकता। जाहिर है, प्रदेश की राजनीति मंे उनके सक्रिय होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के लिए कुछ विषम परिस्थितियां भी पैदा हो सकती हैं।
एक दो विषम परिस्थिति तो उनके सामने पैदा हो भी चुकी है। जन्मदिन के दिन उमा भारती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री व अन्य बड़े भाजपा नेताओं ने उन्हें जन्मदिन की बधाई नहीं दी है, लेकिन दिग्विजय सिंह बधाई दे चुके हैं। यह पार्टी के नेताओं पर की गई उनकी तल्ख टिप्पणी थी। पार्टी के अधिकांश नेताओं ने अपने आपको उनके समारोह से अलग रखा। जाहिर है प्रदेश की राजनीति में उनका ज्यादा समर्थन फिलहाल नहीं दिखाई पड़ा है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को परेशान करने वाली एक घटना टीकमगढ़ के एक कार्यक्रम को रद्द किए जाने से संबंधित है। मुख्यमंत्री अनवरत बिजली आपूर्ति की घोषणा कर रहे हैं और जिस जिले में यह योजना लागू होती है, वहां जाकर इस योजना का उद्घाटन करते हैं। टीकमगढ़ में भी उन्हें इसका उद्घाटन करना था। टिकमगढ़ उमा भारती का गृहजिला है। वहां के उद्घाटन आयोजन में सुश्री भारती को नहीं आमंत्रित किया गया था। इसे उन्होंने एक मुद्दा बना दिया और अंत मंे मुख्यमंत्री ने उस आयोजन को ही रद्द कर दिया। आने वाले दिनों में यदि इस तरह की और घटनाएं हों, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।(संवाद)
उमा भारती मध्यप्रदेश की राजनीति में हो रही हैं सक्रिय
भाजपा नेताओं के बीच बढ़ रहे हैं तकरार
एल एस हरदेनिया - 2013-05-14 10:44
भोपालः पिछले 4 मई को जब भोपाल में उमा भारती का जन्मदिन मनाया गया, तो अनेक लोगों त्यौरियां चढ़ गईं। दिन भर उनके जन्मदिन के उत्सव की धूम रही है और उसके दौरान उन्होंने लोगों को संकेत दिया कि मध्यप्रदेश की राजनीति से दूर रहने का उनका कोई इरादा नहीं है।