राहुल ने संगठन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश को पहले ही 8 जोन में विभाजित कर डाला था। सभी जोन में एक एक अध्यक्ष मनोनित कर दिए गए थे। लेकिन उन जोनल अध्यक्षों के कारण पार्टी को कोई लाभ होता दिखाई नहीं पड़ रहा था।
वे जोनल अध्यक्ष बड़े बड़े नेता थे, जो खुद राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी महासचिव को रिपोर्ट किया करते थे। इसके कारण प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री नजरअंदाज हो जाते थे। उनके पास उन जोनल अध्यक्षों में समन्वय करने के अलावा कोई काम ही नहीं रह गया था।
इसके अलावा जोनल अध्यक्षों को अपने मुख्य कामों से फुर्सत ही नहीं मिलता था। उनमें दो तो केन्द्रीय मंत्री थे और अन्य अनेक सांसद। वे अपने अपने पहले से निर्धारित कार्यों में इतना व्यस्त रहते थे कि अपने जोन में पार्टी के लिए समय ही नहीं निकाल पाते थे।
यही कारण है कि फेरबदल में राहुल गांधी ने जोनल अध्यक्षों को बदल डाला है। दोनों केन्द्रीय मंत्रियों और सांसदों को उनके पार्टी दायित्वों से हटा दिया गया है। कांग्रेस कार्यसमिति के अध्यक्ष रशीद मसूद को भी जोनल अध्यक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया है। उनकी जगह स्थानीय नेताओं को जोनल अध्यक्ष बना दिया गया है। उन्हें कहा गया है कि वे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री को रिपोर्ट करें।
राहुल गांधी के आदेश के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष ने सभी जोनल अध्यक्षों, समन्वयकों और जिला व नगरों के अध्यक्षों की एक बैठक बुलाई और उन्हें लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्हें कहा गया कि उनकी उपस्थिति जनता के बीच महसूस की जानी चाहिए।
उन्हें कहा गया कि वे महत्वपूर्ण मसलों पर जनता के बीच जाएं और आंदोलन करे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि वे अपनी गतिविधियों की जानकारी समय समय पर नियमित रूप से प्रदेश कार्यालय को देते रहें।
उन्हें यह भी कहा गया है कि अपने अपने क्षेत्रों में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उनके पास क्या क्या योजनाएं हैं इसकी सूचना प्रदेश पार्टी कार्यालय को 10 जून तक उपलब्ध करा दें।
पिछले दिनों प्रदेश के 38 जिला व नगर ईकाइयों के अध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी गई थी। आने वाले समय में जल्द ही शेष 83 जिला व नगर ईकाइयों के अध्यक्षों की घोषणा भी कर दी जाएगी।
संगठन को सभी स्तरों पर मजबूत करने के बाद पार्टी आंदोलनात्मक गतिविधियों को तेज करेगी। यह आंदोलन प्रदेश स्तर से ब्लाॅक स्तर तक किया जाएगा। राहुल गांधी ने कहा है कि लखनऊ में होने वाले आंदोलन में वे भी हिस्सा लेंगे।
संगठन को मजबूत करने के अलावा राहुल गांधी प्रदेश के अन्य पार्टी नेताओ से अलग अलग समूह या अकेले मे मिल रहे हैं और पार्टी को ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटें हासिल हों, इसके लिए उनके साथ विचार विमर्श कर रहे हैं।
वे अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकत्र्ताओं को कह रहे हैं कि यदि पार्टी ने पूरे विश्वास के साथ लोकसभा चुनाव का सामना किया तो पार्टी को प्रदेश की 80 में से 40 या उससे भी अधिक सीटें मिल सकती हैं।
समाजवादी पार्टी मुसलमानों के बीच अपनी विश्वसनीयता तेजी से खोती जा रही है। इसका कारण 2012 के बाद प्रदेश मे हुए अनेक दंगे हैं। मुसलमानों के प्रति सपा सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़ा किया जा रहा है। वरुण गांधी के मुकदमे को कमजोर करने में सपा और उसकी सरकार की संलिप्तता से भी मुस्लिम समुदाय उत्तेजित है। ऐसे माहौल में कांग्रेस नेताओं को लग रहा है कि पार्टी मुसलमानों को अपनी ओर ज्यादा से ज्यादा संख्या में खींच सकती है और उसका फायदा अधिक सीटें जीतने में हो सकता है।
कांग्रेस सलमान खुर्शीद, रशीद मसूद और मोहसिना किदवई जैसे मुस्लिम नेताओं का इस्तेमाल मुस्लिम वोट बैंक में सेंध मारने के लिए कर रही है।
हालांकि कांग्रेस ने कह रखा है कि वह प्रदेश में किसी अन्य पार्टी से चुनावी समझौता नहीं करेगी, परंतु पीस पार्टी के साथ समझौते से इनकार नहीं किया जा सकता। इसका कारण यह है कि पीस पार्टी की मुसलमानों में पकड़ बढ़ती दिखाई दे रही है और कांग्रेस इसका लाभ उठाना चाहेगी।
कांग्रेस के अंदर यह समझ विकसित हो रही है कि यदि भाजपा ने नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में प्रोजेक्ट किया, तो इसका फायदा उसे भी होगा। इससे मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण कांग्रेस के पक्ष में हो सकता है और उत्तर प्रदेश में इससे समाजवादी पार्टी को नुकसान होगा।
पार्टी की ओर से मांग की जा रही है कि प्रियंका गांधी को भी प्रदेश भर में चुनावी सभा संबोधित करने के लिए कहा जाय। प्रदेश पार्टी चाहती है कि प्रियंका लोकसभा का चुनाव भी लड़ें।(संवाद)
        
            
    
    
    
    
            
    राहुल ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस को फिर से गठित किया
नई कमिटी करेगी चुनाव की तैयारी
        
        
              प्रदीप कपूर                 -                          2013-05-28 10:20
                                                
            
                                            लखनऊः आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के संगठन में व्यापक फेरबदल कर डाले हैं। ऐसा करके उन्होंने एक तरह से प्रदेश में पार्टी की तरफ से खुद ही चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।