ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रयोग के तौर पर मंत्रालय द्वारा पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा और झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया था जो काफी सफल रहा। सुकमा जिले के 216 बेरोजगारों को प्रशिक्षण दिया गया था जिनमें से 153 नौकरी मिल चुकी है।वहीं पश्चिम सिंहभूम में 340 बेरोजगारों केा रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत चुना गया था जिनमें से 230 को नियुक्ति प्रमाण पत्र दिया जा चुका है।
जयराम रमेश के अनुसार इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पहली बार लड़कियों को प्राथमिकता के तौर पर शामिल किया गया था।इसके तहत सिंहभूम की 90 लड़कियां नर्स की दे्निंग ले रही है।
उन्होंने बताया कि इस अनुभव के आधार पर अब यह कार्यक्रम रोशनी के नाम आज से लांच किया जा रहा है। सबसे अधिक नक्सल प्रभावित 24 जिलों को पहले शामिल किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि 3 वर्षों में इन जिलों के 50 हजार बेरोजगारों को तीन से छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें महिलाओं की भागीदारी 50 फीसदी होगी।अर्थात 25 हजार महिलाएं इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का हिस्सा बनंेगी।उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के एक,बिहार के दो,छत्तीसगढ़ के पांच,झारखंड व ओडिसा के छह छह तथा उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के एक एक जिलों में यह कार्यक्रम चलाया जाएगा।इस कार्यक्रम के लिए 100 करोड़ का बजट बनाया गया है जिसमें से 25 फीसदी राज्य सरकारों केा देना होगा।
ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने बताया कि अक्सर यह देखा गया है माओवादी कम उम्र के लड़के लड़कियों को बरगला कर अपने गिरोह में शामिल कर लेते हैं।ऐसे भटके हुए तथा बेरोजगार युवक युवतियों को जीवन में नई रोशनी प्रदान करने के लिए यह कार्यक्रम चलाया गया है।उन्होंने बताया कि इसका रिस्पांस काफी अच्छा मिल रहा है।कश्मीर में हिमायत नामक संस्था अभी तक लगभग 1 लाख बरेाजगारों केा प्रशिक्षित कर चुकी है।
नक्सल प्रभावित जिलों में बेरोजगारों के लिए रोशनी कार्यक्रम
एस एन वर्मा - 2013-06-07 09:32
नई दिल्ली। नक्सल प्रभावित जिलों में बेरोजगार तथा भटके हुए युवकों और युवतिओं को राह पर लाने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने रोशनी कार्यक्रम की आज शुरूआत की। पहले चरण में देश के नक्सल प्रभावित 82 जिलों में से 24 जिलों के 50 हजार बेरोजगार युवकों व युवतिओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।