लोकसभा चुनाव अगले साल होने वाले हैं। ऐसी हालत में सोली पैनल का वह मामला कांग्रेस के लिए उस चुनाव में परेशानी का सबब बन सकता है। इसलिए कांग्रेस इस मामले को बहुत ही गंभीरता से ले रही है।
इसी का परिणाम है कि आलाकमान ने कांग्रेस के केरल प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक को तिरुअनंतुरम भेजा, ताकि नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। वासिनक यहां आए और देखा, लेकिन उन्होंने जो देखा, वह उन्हें पसंद नहीं आया।
वासनिक ने मुख्यमंत्री समेत अन्य कांग्रेसी मंत्रियों और नेताओं को नसीहत दी कि वे अपने आपको सही तरीके से लोगों के सामने पेश करें, अन्यथा कुछ भी हो सकता है। उन्होंने साफ साफ चेतावनी दे डाली है।
मामा जा रहा है कि मुकुल वासनिक ओमन चांडी के लोगों द्वारा दी गइ सफाई से संतुष्ट नहीं हुए हैं। वे फिलहाल दिल्ली वापस लौट गए हैं, लेकिन अब से उनकी नजर मुख्यमंत्री और उनके काम पर लगी रहेगी।
आशा के अनुरूप चांडी के विरोधियों ने इस मौके का जमकर फायदा उठाया। रमेश चेनिंथाला का गुट भी इसमें पीछे नहीं रहा। सच तो यह है कि मुख्यमंत्री का अपने कार्यालय के लोगों पर ही नियंत्रण नहीं रह गया है। इसलिए वहां अराजकता का माहौल पैदा हो गया है। मुकुल वासनिक को रमेश चेनिंथाला के लोगों ने यह समझाने की कोशिश की।
रमेश चेनिंथाला के लोगों ने मुकुल वासनिक को बताया कि चांडी और उनके लोगों ने किस तरह से श्री चेनिंथाला को कैबिनेट में शामिल करने के मुद्दे पर अपमानित किया। मुख्यमंत्री के बलत रवैये के कारण पार्टी और सरकार के बीच अविश्वास का भाव पैदा हो गया है।
पिछले दिनों की कुछ अन्य घटनाओ ंने भी मुख्यमंत्री चांडी को राजनैतिक रूप से कमजोर कर दिया है। मुख्यमंत्री के कार्यालय के तीन लोगों को वहां से इसलिए जाना पड़ा, क्योंकि यह पाया गया कि वे सोलर पैनल से जुड़े लोगों के साथ लगातार संपर्क में थे। एक अन्य कर्मचारी को वहां से इसलिए निकलना पड़ा क्योंकि उस पर यौन शोषण का आरोप लगा था।
इतना ही काफी नहीं था, बंगलूर के एक मलयाली व्यापारी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के दोस्तों और रिश्तेदारों ने उसके साथ लाखों रुपये की घोखाधड़ी की। जिन लोगों पर आरोप लगे, उन्हें कुछ दिनों के अंदर गिरफ्तार भी कर लिया गया।
चांडी के लिए परेशानी का एक और सबब यह है कि के मुरलीधरन और उनके लोगों ने अब चेनिंथाला गुट को अपना लिया है। चेनिंथाला से अपना संबंध ठीक करने के बाद मुरलीध्रन ने कहा कि आलाकमान की यही इच्छा है कि कांग्रेस के अंदर गुटबाजी बंद हो। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने चेनिंथाला को पूरा समर्थन देने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि श्री चेनिंथाला एक समय मुरली के प्रतिद्वंद्वी हुआ करते थे। मुरली और चेनिंथाला के एक साथ आ जाने के बाद करुणाकरण के अब सारे समर्थक एक खेमे में आ गए हैं। इसके कारण मुख्यमंत्री की परेशानी बढ़ गई है। लोकसभा उम्मीदवारों के चयन मे मुख्यमंत्री को अब मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। (संवाद)
ओमन चांडी पर कांग्रेस आलाकमान की नजर
मुख्यमंत्री के जख्म पर विरोधियों ने नमक डाला
पी श्रीकुमारन - 2013-06-29 10:02
तिरुअनंतपुरमः सोलर पैनल घोटाले से प्रदेश सरकार और कांग्रेस की धूमिल हो रही छवि को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने मुख्यमंत्री ओमन चांडी को चेतावनी दे डाली है। उनके लिए अब खतरे की घंटी बज चुकी है।