सोलर पैनल घोटाला के सामने आते ही चांडी की दुनिया बदलने लगी। सच कहा जाय, तो उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगी। उनके अपने स्टाॅफ इस घोटाले के घोटालेबाजों के साथ दिखाई पड़ने लगे। इससे पता चला कि इस घोटाले की जड़ उनके कार्यालय तक पहुंची हुई थी। ओमन चांडी पारदर्शिता के हिमायती के रूप में जाने जाते थे। लेकिन इस घोटाले ने साफ कर दिया कि पारदर्शिता की आड़ में भी घोटाले हो रहे थे और उसका केन्द्र उनका अपना कार्यालय था।
सोलर पैनल घोटाला सैकड़ों करोड़ रुपये का है। जब वह सामने आया और उसमें मुख्यमंत्री कार्यालय का भी हाथ दिखाई देने लगा, तो विपक्षी नेताओं ने तुरंत उनके इस्तीफे की मांग शुरू कर दी। उस घोटाले की न्यायिक जांच की मांग भी तेज हो गई। विपक्षी एलडीएफ ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की जानकारी के बिना मुख्यमंत्री कार्यालय का स्टाॅफ उस घोटाले का केन्द्र बन ही नहीं सकता था।
मुख्यमंत्री ने नुकसान को कम करना शुरू कर दिया। उन्होंने इसकी पुलिस द्वारा जांच के आदेश दे दिए और अपने एक सहायक को गिरफ्तार भी करवा दिया। उन्होंने अपने दों अन्य कर्मचारियों को अपने कार्यालय से हटा भी दिया, लेकिन उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। इसके कारण लोग तरह तरह की बातें कर रहे हैं। विपक्ष ही नहीं, बल्कि कांग्रेस के कुछ नेता भी दस तरह की चुनिंदा गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किए हैं। उस पर मुख्यमंत्री सफाई दे रहे हैं, पर इसके बावजूद वे अपने जवाबों से लोगों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि कुछ लोगों को सिर्फ कार्यालय से ही क्यों हटाया गया और उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।
सिर्फ एक घटना से इसकी व्याख्या की जा सकती है। इस घोटाले के मुख्य अभियुक्त बीजू राधाकृष्णन हैं। मुख्यमंत्री के साथ उनकी बंद कमरे में बातचीत हुई थी। मुख्यमंत्री यह नहीं बता पा रहे हैं कि उस बातचीत के पीछे क्या था और उस व्यक्ति से बात करने की उनको जरूरत ही क्यों पड़ी थी। उनका कहना है कि जिस समय उनकी उस व्यक्ति से बातचीत हुई थी, उस समय तक उन पर कोई आरोप नहीं था। कुछ दिनों के बाद उन्होंने विपक्षी एलडीएफ पर आरोप लगाया कि जब उसकी सरकार थी, तो उसने बीजू और सरिथा नायर के खिलाफ कोई मुकदमा दायर क्यों नहीं किया था। गौरतलब है कि सरिथा नायर भी बीजू के साथ इस घोटाले में एक अभियुक्त हैं।
प्रत्येक बीतते दिन के साथ रोज के रोज नये नये खुलासे हो रहे हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री के सहयोगी टाॅमस कुरुविला ने स्वीकार किया कि उन्होंने सरिथा के के साथ एक व्यापार के सिलसिले में बातचीत की थी। मुख्यमंत्री कुरुविला और उसकी एकाएक तरक्की पर चुप्पी साधे हुए हैं। बंगलोर स्थित एक केरल का एक व्यक्ति मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रहा था, उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसा उसे डराने के लिए किया गया, लेकिन वह धमकी दे रहा है कि मुख्यमंत्री के उस रिश्तेदार के खिलाफ वह जल्द की सबूत सामने लाएगा।
केरल भाजपा के महामंत्री के सुरेशन ने मुख्यमंत्री के बेटे के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्यमंत्री बेटे ने उस भाजपा नेता पर मानहानि का मुकदमा भी कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद भाजपा के नेता सुरेशन अपनी बात पर अड़े हुए हैं और उनका कहना है कि मुख्यमंत्री के बेटे व अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ वे आने वाले दिनों में और भी सबूत सामने लाएंगे।
एक के बाद एक हो रहे खुलासों ने मुख्यमंत्री की स्थिति कमजोर बना दी है। यह सच है कि पार्टी के नेता उनके पीछे होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इसके पीछे कारण उन पर पड़ रहा राजनैतिक दबाव है। यह एकता कभी भी धराशाई हो सकती है।
पार्टी आलाकमान की ओर से भी मुख्यमंत्री को अस्थाई राहत मिली है। पर सोनिया गांधी केरल की घटनाआंें से दुखी हैं। पार्टी की छवि के धूमिल होने के कारण वे परेशान भी हैं और उन्होंने श्री चांडी को कहा है कि वे अपने काम करने की शैली को बदलें और सरकार व संगठन के बीच पैदा हो गई खाई को पाटें। (संवाद)
ओमन चांडी अब कांग्रेस की ताकत नहीं रहे
सोलर पैनल घोटाले में मुख्यमंत्री की छवि धूमिल
पी श्रीकुमारन - 2013-07-22 12:39
तिरुअनंतपुरमः कुछ सप्ताह पहले तक कांग्रेस की केरल में सबसे बड़ी ताकत मुख्यमंत्री ओमन चांडी को माना जाता था। लेकिन सोलर पैनल घोटाले ने उनकी छवि को इस कदर धूमिल कर दिया है कि अब वे कांग्रेस की ताकत होने का दावा तो कर ही नहीं सकते, उल्टे उसकी कमजोरी बनकर सामने आ गए हैं। कमजोरी होने के बावजूद उन्हें इस बात का श्रेय तो देना ही होगा कि इस घोटाले के बावजूद वे कांग्रेस के अंदर और उसके बाहर के अपने विरोधियों के सामने अब भी खड़े हैं, हालांकि उनकी बदली हुई छवि से उनके विरोधी अपनी खुशी का इजहार करने से अपने आपको रोक नहीं पा रहे हैं।