पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के एक पैनल ने अति विशिष्ट लोगों द्वारा जमीन कब्जा करने की घटनाओं पर रोशनी डाली है। वह जमीन चंडीगढ़ के आसपास ही है। इसके अलावा एक घटना पंजाब सरकार के उस निर्णय से संबंधित है, जिसके तहत एक नया चंडीगढ़ बसाने का फैसला किया गया है। नया चंडीगढ़ भी चंडीगढ़ के आसपास ही होगा।
यह किसी से छिपा हुआ नहीं है कि पिछले कुछ दशक से जमीन रुपया बनाने का सबसे बड़ा जरिया बन गई है। यह पंजाब और हरियाणा दोनो राज्यों के लिए समान रूप से सच है। सभी पार्टियों के नेता इस काम में लगे हुए हैं। अपने सरकारी ओहदे का इस्तेमाल करते हुए वे कानून को अपने हिसाब से नया मोड़ दे देते हैं। वे नियम और बिनियम बनाकर इस काम को अंजाम दे देते हैं। इसके कारण जमीन महंगी होती है और वे भी मालामाल हो जाते हैं। हरियाणा के चैटाला लोगों ने इस तरीके का जबर्दस्त इस्तेमाल किया है। इसके कारण उनके खिलाफ आया के ज्ञात स्रोत से ज्यादा की संपत्ति रखने का मुकदमा भी चल रहा है।
जमीन कब्जा करने का यह खेल हालांकि पूरे पंजाब में चल रहा है, लेकिन पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पैनल ने अपना ध्यान चंडीगढ़ के आसपास के इलाकों पर ही फिलहाल केन्द्रित कर रखा है। उसने एक रहस्योद्धाटन किया कि राजस्व कर्मचारियों से मिलीभगत करके अनेक प्रभावशाली लोगों ने जालसाजी करते हुए जमीन पर कब्जा कर डाला।
पैनल की रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने जालसाजी करके चंडीगढ़ के आसपास ग्राम सभा की जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। वे सज्जन हैं प्रदीप सिंह गिल। उन्हें अकाली दल की सरकार ने ही पुलिस महानिदेशक बनाया था। सेवानिवृत होने के बाद उन्हें अकाली दल का टिकट भी मिला और वे मोगा विधानसभा से चुनाव भी लड़े, पर वे अपना चुनाव हार गए थे।
पैनल ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में भी अनेक लोगों द्वारा जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने के मामलों को प्रकाशित किया। उन लोगों में सभी पार्टियों के नेता शामिल हैं। अपनी ताजा रिपोर्ट में पैनल ने कहा है कि उसने जमीन पर अवैध कब्जा रोकने के लिए अनेक अनुशंसाएं की थीं, पर उन पर सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया और उसने अवैध कब्जा हटाने व रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की।
पैनल ने नया चंडीगढ़ के मसले पर अभी कुछ नहीं कहा है। इसका कारण यह है कि यह अभी नया मसला है और इससे संबंधित निर्णय हाल ही में किया गया है।पंजाब सरकार के इस फैसले में भी जमीन घोटाले की बू आ रही है और शहर के नाम को लेकर हरियाणा सरकार भी इसका विरोध कर रही है।
चंडीगढ़ के पास ही मुल्लनपुर नाम का एक गांव है। वहीं नया चंडीगढ़ बसाने का निर्णय पंजाब सरकार ने किया है। कांग्रेस के प्रवक्ता पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा का आरोप है कि उपमुख्यमंत्री सुखबीन्दर सिंह इस रैकेट के पीछे हैं। प्रस्तावित नया चंडीगढ़ से 5 किलोमीटर की दूरी पर पालमपुर गांव में बादल के पास 18 एकड़ जमीन है। इस नया चंडीगढ़ प्रोजेक्ट से उनकी जमीन की कीमत कई सौ गुना बढ़ जाएगी। वे आरोप लगा रहे हैं कि इस जमीन पर बादल एक सप्तसितारा रिजाॅर्ट बनाना चाहते हैं। नया चंडीगढ़ बनने से उनका यह सपना साकार हो जाएगा।
दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल का कहना है कि वह जमीन उनके परिवार ने तीस साल पहले खरीदी थी और वह पालमपुर गांव में है। उनका कहना है कि पालमपुर गांव प्रस्तावित नया चंडीगढ़ में नहीं आता है, इसलिए यह कहना कि उस जमीन के कारण नया चंडीगढ़ बनाने की योजना बनी है, बिल्कुल गलत है। वे कहते हैं कि शहरीकरण आज की जरूरत है और उसी को ध्यान में रखते हुए नया चंडीगढ़ विकसित करने की योजना है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री हुड्डा को चंडीगढ़ के पास एक शहर विकसित करने की पंजाब सरकार की योजना पर तो एजराज नहीं है, लेकिन वे उस शहर का नाम चंडीगढ़ रखने पर एतराज जता रहे हैं। उनका कहना है कि चंडीगढ़ पर पंजाब ही नहीं हरियाणा का भी दावा है, इसलिए उस नाम का इस्तेमाल पंजाब नहीं कर सकता। वे कहते हैं कि यदि पंजाब वर्तमान चंडीगढ़ पर अपना दावा छोड़ दे, तो फिर हरियाणा को पंजाब द्वारा अपने उस शहर का नाम नया चंडीगढ़ रखने पर कोई एतराज नहीं होगा। (संवाद)
पंजाब में भूमाफियाओं का राज
राज्यशक्ति का खुलकर दुरुपयोग
बी के चम - 2013-07-24 13:21
चंडीगढ़ः पंजाब और हरियाणा में जमीन कब्जा करने वाले भूमाफिया तत्वों की चांदी हो गई है। पिछले सप्ताह दो ऐसे मामले सामने आए, जिनसे पता चलता है जमीन कब्जाने की इस प्रक्रिया में बड़े बड़े लोग शामिल हैं और वे कब्जा करने के लिए अपने सरकारी ओहदे का इस्तेमाल करते हैं।