नार्टन ने यह भी कहा है कि प्रत्येक वर्ष साइबर अपराध के अनुमानित वैश्विक प्राइस टैग में भारत की हिस्सेदारी 7 प्रतिशत है। भारत में अनुमानित प्राइस टैग 8 बिलियन यूएस डॉलर है, जबकि विश्व में इसकी कुल अनुमानित कीमत 110 बिलियन यूएस डॉलर है। सिक्योरिटी फर्म कास्पर्सकी ने कंप्यूटर आक्रमणों के उच्चतम प्रतिशत वाले देशों की सूची में भारत को 9वां स्थान दिया है।
भारत अपने पड़ोसी देशों द्वारा किये जाने वाले साइबर घुसपैठ का शिकार हुआ है। एक अग्रणी चैनल द्वारा प्रस्तुत एक हालिया मीडिया रिपोर्ट में यह उद्जागर किया गया है कि चीन अपने साइबर वारफेयर आर्मी के माध्यम से भारतीय वेबसाइट्स पर बार-बार साइबर आक्रमक करता आ रहा है। भारत ने हाल ही में अपनी नेशनल साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी 2013 (एनसीएसपी 2013) को जारी किया है। एक पेशेवर प्रमाणन निकाय ईसी-काउंसिल के अनुसार भारत आधारभूत संरचना एवं निवेश के अभाव के कारण आगामी 5 वर्षों में 5,00,000 साइबर सुरक्षा पेशेवरों के कार्यदल (एनसीएसपी 2013 द्वारा निर्धारित) के सृजन के लक्ष्य की पूर्ति करने में सक्षम नहीं होगा।
भारत के साइबर अपराध विशेषज्ञों की एक टीम ने इस संदर्भ में दी ग्राउंड जीरो समिट आयोजित करने की घोषणा की है, टीम का दावा है कि एशिया की प्रमूख सूचना सुरक्षा सम्मेलनो में से यह एक सम्मेलन है। यह सम्मेलन नई दिल्ली में 7 से 10 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा।
यह सम्मेलन एक दो दिवसीय टेक्निकल कांफ्रेंस के साथ चार दिनों तक चलेगी, इसके बाद सूचना सुरक्षा पर दो दिवसीय प्रत्यक्ष तकनीकी कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा। इस समिट को प्रासंगिक सरकारी संगठनों, निकायों और इस क्षेत्र में कार्यरत उद्योगों का समर्थन प्राप्त है।
इस सम्मेलन के आयोजनकर्त्ताओं में उद्योग जगत के विशेषज्ञ सलाहकार शामिल ध्रुव सोइ, चेयरपर्सन, ओवीएएसपी इंडिया; थॉमस कुरियन अंबट्टु, वीपी, इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी रिसर्च एसोसिएशन (आइएसआरए); असीम जाखड़, निदेशक, रिसर्च, पयातू टेक्नोलॉजीज प्रा. लि.; राजशेखर मूर्ति, निदेशक, सीईआरटी-आइएसएसी, नेशनल सिक्योरिटी डेटाबेस; रोहित श्रीवास्तव, संस्थापक, क्लब हैक; एवं तरुण विग, संस्थापक, इन्नेफू प्रमुख रूप से शामिल हैं।
भारत की साइबर अपराध में है 8 बिलियन यूएस डॉलर की भागीदारी
दुनिया भर में घटित होने वाले साइबर अपराधों में से लगभग 10 प्रतिशत अपराध भारत में
एस एन वर्मा - 2013-08-10 15:56
नयी दिल्ली। साइबर अपराध में भारत की भागीदारी लगभग 8 बिलियन डालर है। नार्टन (सीमैन्टेक) की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्येक वर्ष भारत में 42 मिलियन साइबर अपराध घटित होते हैं। रिपोर्ट का यह कहना है कि इस अपराध के शिकार लगभग 52 प्रतिशत लोग मैलवेयर, वायरसेज, हैकिंग, स्कैम्स, जालसाजी एवं चोरी जैसी घटनाओं से पीडि़त होते हैं। भारत में प्रत्येक मिनट 80 से अधिक लोग साइबर अपराध की चपेट में आते हैं।