केरल कांग्रेस (मणि) यूडीएफ का एक महत्वपूर्ण घटक है। यदि यह सरकार से बाहर आ जाए, तो चांडी सरकार का तत्काल पतन हो जाएगा। कुछ दिन पहले विपक्षी खेमे में केरल कांग्रेस (मणि) के नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठी, ताकि चांडी सरकार से प्रदेश को छुटकारा दिलाया जा सके। उस मांग को विप़क्ष का ज्यादा समर्थन नहीं मिला और बात आई गई हो गई।
पर अब केरल कांग्रेस (मणि) के साथ सहयोगी कांग्रेस का तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी पार्टी के विधायक विधानसभा में सरकारी पक्ष के मुख्य सचेतक हैं। उनका नाम है- पीसी जार्ज। पिछले दिनों वे कांग्रेस के कार्यकत्र्ताओं के गुस्से के शिकार हुए। खासकर युवा कांग्रेस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की। इसका कारण उनके द्वारा मुख्यमंत्री चांडी और उनकी सरकार के खिलाफ दिया गया बयान था।
उनके बयान की खबर लेते हुए केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष एम एम हसन ने उनकी आलोचना करते हुए कहा कि यह गठबंधन धर्म के खिलाफ है। उन्होंने जार्ज को विधानसभा में सरकारी पक्ष के मुख्य सचेतक के पद से हटाने की मांग भी कर दी।
लेकिन जार्ज के मसले पर सत्तारूढ़ कांग्रेस के अंदर मतभेद भी तुरंत उभर कर सामने आ गए। केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रमेश चेनिंथाला ने कहा कि सत्तारूढ़ मोर्चे में यदि कोई विवाद हो, तो उसका हल बातचीत के जरिए निकाला जाना चाहिए, न कि सड़कों पर हुडदंग मचाकर। चेनिंथाला का यह बयान उनके डिपुटी एम एम हसन के बयान के बाद आया। जाहिर है, वे अपने उपाध्यक्ष को लताड़ रहे थे।
जार्ज ने चांडी के समर्थकों पर अपने खिलाफ सड़कों पर आंदोलन करने का आरोप लगाया। चांडी के समर्थक जार्ज इस इसलिए नाराज हुए, क्योंकि उन्होंने चेनिंथाला को सरकार में लिए जाने की मांग की थी और सोलर पैनल घोटाले के लिए मुख्यमंत्री चांडी की आलोचना भी कर डाली थी।
दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री खुद इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। केरल कांग्रेस (मणि) के नेता के एम मणि ने खुद मुख्यमंत्री चांडी से फोन पर बात की और जार्ज पर हुए हमले की निंदा करने को कहा। इसके बावजूद मुख्यमंत्री की चुप्पी हैरानी की बात है। गौर तलब है कि युवा कांग्रेस के कार्यकत्र्ताओ ने जार्ज को काले झंडे दिखाए थे और उन पर सड़े अंडे भी फेंके थे।
कांग्रेस विधायक के मुरलीधरन ने भी जार्ज के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की निंदा की है। उनका कहना है कि लोकतंत्र में मसलों को बातचीत के द्वारा सुलझाया जाता है, न कि सड़कों पर आकर। उन्होंने युवा कांग्रेस के कार्यकत्र्ताओं को याद दिलाया कि जब सीपीएम ने मुख्यमंत्री चांडी को काले झंडे दिखाए थे, तो उन्होंने उसका विरोध किया था। अब वे खुद अपनी सरकार की सहयोगी पार्टी के नेता के साथ ही ऐसा कैसे कर सकते हैं?
दूसरी तरफ अपने खिलाफ सड़कों पर चलाए जा रहे अभियान के बावजूद जार्ज की बयानबाजी जारी है। अपने ताजा बयान मे उन्होने सोलर पैनल घोटाले के दो अभियुक्तों का हाई कोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर आपत्ति जताई है।
जार्ज के खिलाफ कांग्रेसियो के गुस्से का एक और कारण है। जार्ज ने के एम मणि को लेफ्ट के सहयोग से प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में अपनी राय दी है। जाहिर है, चांडी समर्थक कांग्रेसी उनकी इस राय पर बौखला गये हैं।
सितंबर के पहले सप्ताह में सोनिया गांधी केरल आ रही हैं। उनके इस दौर मे जार्ज का मामला उठने की पूरी संभावना है। सोनिया गांधी केरल की घटनाओं से नाखुश हैं। वे कांग्रेस के प्रमुख सहयोगियों के नेताओं से भी केरल के दौरे के दौरान बातचीत कर सकती हैं। केरल में आगे क्या होगा, यह सोनिया की सहयोगी दलों के नेताओ से हुई बातचीत पर निर्भर करता है।
केरल कांग्रेस (मणि) के नेताओं के ताजा रवैया के पीछे एक कारण मणि के बेटे को केन्द्रीय मंत्रिपरिषद मे शामिल नहीं किया जाना है। मणि के बेटे लोकसभा के सदस्य हैं और वे चाहते हैं कि उन्हें केन्द्र सरकार में शामिल कर लिया जाय। पर इस मांग को मानने से कांग्रेस के केन्द्रीय नेताओं ने अस्वीकार कर दिया है। मणि अपनी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव में दो सीट चाहते हैं। यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो आने वाले दिनों मे कांग्रेस के साथ उनका संबंध और भी खराब हो सकता है। (संवाद)
केरल यूडीएफ में घमसान
युवा कांग्रेस ने मुख्य सचेतक का पुतला जलाया
पी श्रीकुमारन - 2013-08-26 12:42
तिरुअनंतपुरमः सोलर पैनल घोटाले के कारण केरल की चांडी सरकार पहले से ही समस्या का सामना कर रही है। विपक्ष चांडी का इस्तीफा मांग रहा है और आंदोलन कर रहा है। विपक्षी हमले के बीच यूडीएफ के अंदर चल रहा घमासान भी चांडी सरकार के लिए महंगा साबित हो रहा है।