इनमें 32 सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों से, 27 रेल मंत्रालय से, 9 दिल्ली नगर निगम से और 6-6 अधिकारी केन्द्रीय कोलफील्ड लि0 तथा हिन्दुस्तान कॉपर लि0, 5 सूचना और प्रसारण मंत्रालय से, 4 केन्द्रीय उत्पाद शुल्क एवं सीमा शुल्क बोर्ड तथा 4 दामोदर वैली कारपोरेशन से, 3-3 भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली सरकार के हैं । शेष 14 मामले भारत सरकार के विभिन्न विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से संबंधित हैं ।
आयोग ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 15, दिल्ली विकास प्राधिकरण के 13, रेल मंत्रालय के 9, केन्द्रीय उत्पाद और सीमाशुलक बोर्ड तथा दिल्ली नगम निगम के 3-3, हिन्दुस्तान कीटनाशक लि0, यूनाइटेड एश्योरेंस कम्पनी लि0 और दूरसंचार विभाग के 2-2 अधिकारियों सहित 60 अधिकारियों के विरूद्ध बड़ा दण्ड लगाने का परामर्श दिया है । शेष 6 मामले भारत सरकार के विभिन्न विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से संबंधित हैं।
आयोग ने माह के दौरान 978 शिकायतों का निपटारा किया । इनमें से 807 मामलों को आवश्यक कार्यवाहीकार्यवाही रिपोर्ट के लिए भेजा गया जबकि 171 शिकायतों को जांच और रिपोर्ट के लिए भेजा गया है ।
आयोग की सिफारिश पर सक्षम प्राधिकारी ने कार्मिक जन शिकायत और पेंशन मंत्रालय के 7, रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय तथा सीबीडीटी, सीबीईसी और कारपोरेशन बैंक प्रत्येक से 2-2 अधिकारियों सहित 14 अधिकारियों के विरूद्ध अभियोजन की स्वीकृति जारी की ।
आयोग द्वारा कुछ विभागों की तकनीकी जांच करने से 61.94 करोड़ रुपये की वसूली प्रभावित हुई । #
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113 अधिकारियों के विरूद्ध बड़ा दण्ड लगाने की सिफारिश
विशेष संवाददाता - 2010-01-01 17:01
नई दिल्ली: अक्टूबर, 2009 के दौरान केन्द्रीय सतर्कता अयोग ने सलाह के लिए अग्रेषित 416 मामले निपटाये । आयोग ने 113 अधिकारियों के विरूद्ध बड़े दण्ड की कार्यवाही शुरू करने की सलाह दी है ।