इस सिलसिले में उस आइएएस के बेटे अनुराग जैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। गोवर्नमेंट मेडिकल कालेज, इंदौर में अनुराग अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे। अनुराग के अलावा अन्य अनेक ऐसे छात्र भी हैं, जिन्होंने पीजी प्रवेश परीक्षा में सफलता पाने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया। वैसे 5 अन्य छात्र भी गिरफ्तार किए गए हैं। उनमें शनि जूनेजा और समीर मांडलोई भी शामिल हैं। शनि के पिता ने प्रवेश के लिए 65 लाख घूस के रूप में दिए तो समीर के पिता ने 72 लाख रुपये। घूस देकर शनि जूनेजा ने मेरिट लिस्ट में चैथा स्थान हासिल कर लिया, जबकि समीर ने छठा स्थान हासिल किया। गिरफ्तार सभी 6 छात्रों को गिरफ्तार करके अदालत के सामने पेश किया गया और अदालत ने उन्हें पुलिस रिमांड में भेज दिया।

सरकारी संगठन व्यापम द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं मे भारी घोटाले की कहानी सामने आ रही है। व्यापम राज्य स्तरीय सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। यह मेडिकल संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाएं भी आयोजित करता है। यह इंजीनियरिंग और फार्मेसी की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा भी लेता है। 2012 और 2013 में व्यापम ने 59 वैसी परीक्षाएं आयोजित की और उनमें 48 लाख 43 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे।

अभी तक तो राज्य पूलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने प्री मेडिकल और प्री पीजी परीक्षाओं के अलावा खाद्य निरीक्षक, पुलिस कान्सटेबल और दुग्ध संघ की परीक्षाओं में हुए घपले का पर्दाफाश किया है। एमबीबीएस कोर्स के 75 छात्राओं के प्रवेश रद्द कर दिए गए हैं। कम से कम 50 लोगों को भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है, जिनमें छात्रों के अलावा, परीक्षा आयोजन से जुड़े कुछ अधिकारी और निजी मेडिकल कालेजों के अनेक निदेशक शामिल हैं। कुछ बिचैलियों को भी गिरफ्तार किया गया है। घपलेबाजों के घरों से करोड़ों रुपये बरामद किए गए हैं।

गिरफ्तार लोगों में कुछ तो कुछ भाजपा नेताओं के काफी करीबी रहे हैं। उनमें से एक सुधीर शर्मा है, जो प्रदेश के उच्च व टेक्निकल शिक्षा के मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के काफी नजदीकी हैं। लक्ष्मीकांम शर्मा सूचना एवं पब्लिक रिलेशन विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं। शिवराज सिंह चैहान सरकार की अच्छी छवि बनाने के लिए जो अभियान चलाए गए थे, उसके प्रभारी भी लक्ष्मीकांत शर्मा ही हुआ करते थे। उस अभियान में 100 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। उस अभियान में सिर्फ शिवराज सिंह चैहान पर ही सबकुछ केन्द्रित किया गया था। अनेक मंत्री इस बात को लेकर नाराज थे कि उस अभियान में उनके योगदान को नजरअंदाज कर दिया गया था और सारा का सारा श्रेय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को ही दिया जा रहा था।

प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने शिक्षा सेक्टर से जुड़े भ्रष्टाचार को उजागर करने में सराहनीय सफलता हासिल की है। हालांकि एसटीएफ ने अब तक अनेक सरकारी अधिकारियों को जेल भेज दिया है, लेकिन अभी तक यह सुधीर शर्मा को गिरफ्तार नहीं कर पाया है। सुधीर शर्मा को ही इन घोटालों का मास्टर माइंड माना जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि वह विदेश भाग चुका है।

एसटीएफ ने अब तक 5 एफआईआर दर्ज किए हें। इसके साथ ही व्यापम का भंडाफोड़ हो चुका है। अन्य परीक्षाओ से संबंधित एफआइआर एसटीएफ द्वारा दायर किए जाने की शीघ्र संभावना व्यक्त की जा रही है।(संवाद)